
गुरुजी को बच्चों की पढ़ाई की नहीं कोई फिक्र
संवाददाता आकाश सिंह फर्रुखाबाद-
शासन अपने स्तर पर नौनिहालों की शिक्षा के लिए बहुत अधिक प्रयत्न कर रहा है उसके बावजूद भी बेसिक विभाग के शिक्षकों द्वारा बच्चों की शिक्षा को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। जनपद के विकास खंड शमशाबाद के शरिफपुर छिछीनी के प्राथमिक विद्यालय में प्रातः 9:30 तक अध्यापक विद्यालय में नहीं आए थे और अध्यापकों के इंतजार में बच्चे बैठे हुए थे। कक्षा दो की छात्रा छाया ने बताया की इसी तरह अध्यापक रोज ही विलंब से आते हैं। वहीं गुटैटी दक्षिण के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में भी करीब 9:45 बजे तक अध्यापकों के इंतजार में बच्चे इधर उधर उछल कूद रहे थे। बड़ा सवाल यह है जब शासन के निर्देश के अनुसार बच्चों की शिक्षा के लिए बड़े-बड़े इंतजाम किए जाते हैं फिर भी अध्यापकों की वजह से बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट होती जा रही है। बच्चों की शिक्षा के प्रति अध्यापकों द्वारा सही ढंग से रुझान नहीं लिया जा रहा है। गुटैटी दक्षिण की छात्रा कोमल ने बताया कि यहां रोज ही 10:00 बजे से पढ़ाई शुरू होती है। अध्यापक विद्यालय में समय से नहीं आते हैं जिससे बच्चों को पढ़ाई में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है। पिछले 2 वर्षों से वैसे भी कोरोना के कारण बच्चों की शिक्षा पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। कोरोना काउंट में लगभग 2 वर्षों से विद्यालय बंद ही रहे हैं। कभी खुले तो कभी बंद,स्कूलों का यही ढर्रा पिछले दो सालों से बना रहा।अब जब कोरोना काल के बाद जब स्कूल खुलने का नंबर आया तो विधानसभा चुनाव में अध्यापकों की ड्यूटी लगा दी गई।विधानसभा चुनाव और कोरोना काल भी निपट गया फिर भी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है। विद्यालयों में अध्यापकों के समय से ना आने के कारण बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है।