
रिपोर्ट- मोनीश ज़ीशान
न्यूज़लाइन नेटवर्क वैशाली :
सदभावना सेंटर में त्रिदिवसीय मैत्री तीर्थयात्रा का समापन ‘धर्म के सामान्य कारक’ विषय पर आयोजित सेमिनार और रंगारंग कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ। शान्ति-शिक्षा से सर्वधर्म समभाव मूलक समाज के निर्माण का ध्येय लेकर और बिहार में सर्वधर्म समभाव और सौहार्द को बढावा देकर सबको एक साथ ले चलने का संदेश गणतंत्र की जननी वैशाली में स्थापित सदभावना सेंटर ने जन-जन तक पहुंचाया।

वैशाली में महावीर की जन्मभूमी बासोकुंड में स्थित सदभावना सेंटर पर दिनांक 3 से 5 जूलाई तक युवा मैत्री तीर्थयात्रा का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद डॉ. विनय पासवान ने किया । कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी धर्मों के धर्म गुरुओं ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर के किया।
इस तीर्थयात्रा में राजगीर, बोधगया और वैशाली की 40 क्षेत्रीय युवतियों की सहभागिता रही l इस आयोजन के पहले दिन युवतियों को सभी प्रमुख धर्मो का ज्ञान एवं उनकी प्रासंगिकता समझायी गयी।

इस आयोजन में युवतियों को धार्मिक दर्शन, ध्यान, अष्टांगिक योग, जीवन कौशल, व्यक्तित्व विकास और आत्म- पहचान आदि विषयों पर प्रशिक्षित किया गया तथा विभिन्न धर्मो के विद्वानो ने – जैसे हिंदू विद्वान डॉ. श्री कुंदन कुमार, योग चिकित्सक श्री आनंद कुमार और समाजसेवी डा रविभुषण उर्फ सुधीर ठाकूर , इस्लामिक विद्वान मौलाना हैदर अली साहब, इसाई धर्मगुरु फादर विकास, बौद्ध-विद्वान डॉ. फादर लोरन्स, जैन धर्मज्ञाता श्री दिलीप जैन, फादर जेम्स रोझारियो, फादर प्रणोय, श्रीमती ममता सिहं आदि ने युवतियों को संबोधित किया और उन्हें हर धर्म की बारिकियों को समझाने की कोशिश की।

दूसरे दिन युवतियों को क्लास के साथ-साथ वैशाली में स्थित सभी तीर्थस्थलो का दर्शन जैसे – महावीर जन्मस्थली, अशोक स्तंभ, शान्ति-स्तूप, चौमुखी महादेव मंदिर, बुद्ध-स्तूप, इत्यादि का दर्शन और उनके पौराणिक ऐतिहासिक महत्व के बारे में समझाया गया।
इस आयोजन के बारे में अधिक जानकरी दिते हुए निदेशक फादर प्रणोय ने कहा कि पिछले तीन सालो से ऐसा आयोजन सदभावना सेंटर पर निरंतर हो रहा है । केवल वैशाली में ही नहीं बल्की राजगीर और बोधगया में भी इस प्रकार का आयोजन युवको में विभिन्न धर्मो का ज्ञान देने, राजगीर और बोधगया के तीर्थस्थलो का दर्शन तथा विद्वानो से परिचर्चा कर सबके प्रति समभाव एवं आदर उत्पन्न करने की चेष्टा की जाती रही है।
आयोजक का कहना था कि यह त्रिदिवसीय तीर्थयात्रा प्रशिक्षण हर साल मैत्रीधारा परियोजना के तत्वावधान में संपन्न होता आ रहा है।
कल समापन समरोह में विभिन्न धर्माज्ञाताओं ने अपने अपने विचार रखें और सहभागी युवतीयों को आवाहन किया कि वे हर धर्म से सीख ले, उनके धर्मावलंबीयो का आदर करें और भारत में विभिन्नता में एकता को बनाये रखने में हर समय योगदान दें। सबका संदेश यही था की ईश्वर एक है और हम सब उसके बंदे हैं और प्यार मुहब्बत से रहना उसकी शिक्षा है। मुख्य वक्ता में डॉ.विनय पासवान जी, श्री कुंदनकुमार जी , मौलाना गुलाम हैदर अली जी, फादर विकास जी, फादर लोरन्स जी, आचार्य रविभुषण जी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
समापन समारोह का संयुक्त सूत्र-संचालन फादर प्रणोय,डॉ.विनय पासवान, आचार्य श्रवण योग संस्थान के रविभूषण, एवं संस्था एनीमेटर ममता कुमारी ने किया l अंत में इस आयोजन में जितने भी संस्थानो, व्यक्तियो ने ज्ञानदान, अर्थदान और श्रमदान दिया उनके प्रति आभार प्रकट किया गया।