विनेश फोगाट का संन्यास देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण : सेनापति

न्यूज़लाइन नेटवर्क, कांकेर ब्यूरो
कांकेर : सरस्वती कला मंच के अध्यक्ष, पर्यावरण विद् एवं खेल प्रेमी मोहन सेनापति ने ओलंपिक की कुश्ती चैंपियन विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर कुश्ती के फाइनल के पहुंचने के बावजूद ओलंपिक कुश्ती की रेस से बाहर कर देना दुर्भाग्यपूर्ण है। मोहन सेनापति ने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग से पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि U.W.W. अपने नियमों में कुछ संशोधन कर एक महिला के साथ होने वाले अन्याय को रोके; क्योंकि विनेश फोगाट ने तीन कुश्ती लगातार जीतने के बाद शरीर की एनर्जी के लिए डाइट लिया और वजन बढ़ने पर बिना भोजन,पानी के कंट्रोल करने की भी कोशिश की लेकिन दुर्भाग्यवश मात्र 100 ग्राम याने 1/10 किलो वजन बढ़ा हुआ पाया गया था जिसके कारण उन्हें ओलंपिक कुश्ती हेतु अयोग्य ठहराया गया। यदि वे डोपिंग टेस्ट में दोषी पाई जातीं तो उन्हे सजा देना उचित था किन्तु मात्र 100 ग्राम वजन बढ़ने की वजह से फाइनल पहुंचने के बाद भी बाहर करना बहुत बड़ा अन्याय है। उन्हे फाइनल में मौका न देकर द्वितीय मानकर सिल्वर मेडल से नवाजा जाना चाहिए था लेकिन बाहर करके उन्हें संन्यास लेने पर मजबूर किया गया। ये देश के साथ पूरे विश्व के खेल प्रेमियों के साथ दुर्भाग्यपूर्ण आचरण है। अतः नियमों में कुछ संशोधन करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी महिला खिलाड़ी को मजबूर होकर संन्यास न लेना पड़े।

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