जिलाधिकारी ने काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह का किया शुभारंभ

मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ ब्यूरो चीफ जिला मैनपुरी

मैनपुरी 09 अगस्त, 2024- काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के शुभारंभ अवसर पर नगर पालिका के शहीद पार्क में मा. मुख्यमंत्री उ.प्र. शासन योगी आदित्यनाथ के काकोरी से कार्यक्रम के सजीव प्रसारण के उपरांत राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा, जिलाधिकारी ने शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने, प्रांगण में उ.प्र. अभिलेखागार द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित प्रदर्शनी के अवलोकन के उपरांत राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि आजादी के दीवाने शहीद चन्द्रशेखर आजाद, शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद अशफाक उल्ला खां, शहीद राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, शहीद रोशन सिंह ने अपने शौर्य, पराक्रम से काकोरी में अंग्रेजी हुकूमत के खजाने को लूटकर अंग्रेजी हुकूमत को गहरा आघात पहॅुचाने का कार्य किया, खजाने की लूट से अंग्रेजी हुकूमत तिलमिला उठी और उसने आजादी के इन महानायकों को गिरफ्तार कर अलग-अलग जेल में रखा और बिना सुनवाई के फॉसी की सजा सुनाई, अंग्रेजी हुकूमत के दिलों में इतना खौफ था कि फॉसी की नियत तिथि से 01 दिन पूर्व ही वीर सपूतों को फांसी पर लटका दिया गया, आज आजादी के महान नायकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर हम सबको मिला है, यह हम सबके लिए गौरव की बात है।
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ने कहा कि बंदी बनाने के बाद बसंत पंचमी के दिन तारीख पर जाते समय सभी लोग पीली पगड़ी पहने और हाथ में रूमाल लिये, पं. राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखी कविता ’’मेरा रंग दे बसंती चोला’’ गाते हुये अदालत में पहुंचे, पं. राम प्रसाद बिस्मिल ने स्वयं बहस की, उन्होने अंग्रेजी बोलना शुरू किया कि उस समय के जज, सरकार के वकील देखते रह गये आखिर में उन्होने पूछ ही लिया कि किस विश्व विद्यालय से आपने लॉ की परीक्षा पास की, उन्होने जबाब में कहा सम्राट बनाने वालों को किसी डिग्री की आवश्यकता नहीं होती। उन्होने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन में टोपी, चोटी, धोती, लुंगी वालों ने भागीदारी की, स्वाधीनता आन्दोलन केे दौरान जाति, धर्म, मजहब जैसा कोई शब्द नहीं था, सभी को इस देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराकर आने वाली पीढ़ी, देशवासियों को आजादी दिलाने का जज्बा था, सभी राष्ट्र के लिए समर्पित थे, इसी का नतीजा था कि सीमित संसाधनों से ताकतवर साम्राज्य को देश छोड़ना पड़ा।
पूर्व मंत्री, विधायक भोगांव रामनरेश अग्निहोत्री ने शहीदों को नमन, वीरों को वदंन करते हुए कहा कि जिस आजादी की खुली हवा में आज हम सांस ले रहे हैं, वह लंबे समय के संघर्ष के बाद, अनगिनत बलिदानों के पश्चात प्राप्त हुई है, इस आजादी को पाने के लिए सभी ने कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजी हुकूमत का सामना किया, आज ही की तारीख को 09 अगस्त 1925 को अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने के लिए असलाह, अन्य संसाधन जुटाने के उद्देश्य से देश के वीर शहीदों ने काकोरी में अंग्रेजों के खजाने को लूटने की योजना को अंजाम दिया, आजादी पाने के लिए तमाम आंदोलन चलाये गये, तब कहीं जाकर हमारा देश आजाद हुआ। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में सभी को बराबरी का दर्जा दिया गया है, सभी को समान अधिकार मिले हैं, हमारा देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आज कई देशों में कत्ले आम हो रहे हैं, अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही है, भाई-भाई को मार रहा है, पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, धर्म, जाति, संप्रदाय के आधार पर लोगों का शोषण हो रहा है, यह सब दुर्भाग्यपूर्ण है, हमारे देश के कुछ नेता भी बर्बादी चाहते हैं, इस प्रकार की बयानबाजी करते हैं कि विवाद पैदा हो। जिलाध्यक्ष राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि देश को आजादी दिलाने के लिए तमाम आंदोलन संचालित हुए, काकोरी ट्रेन एक्शन स्वाधीनता का एक महत्वपूर्ण आंदोलन था, चंद देश प्रेमियों ने योजनाबद्ध तरीके से अंग्रेजी खजाने को ट्रेन रोककर लूटने की योजना बनाई और उसमें वह कामयाब भी रहे लेकिन इस आंदोलन को अंजाम देने के लिए उन्हें अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी।
जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने उपस्थित व्यक्तियों, छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन वर्ष 1925 की एक महत्वपूर्ण घटना है, सहारनपुर से लखनऊ जाने वाली काकोरी 08-डाउन सहारनपुर लखनऊ पैसेंजर ट्रेन को लखनऊ के समीप काकोरी रेलवे स्टेशन पर अमर शहीद क्रांतिकारी पं. राम…

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