नितेश मिश्र हत्या काण्ड का हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, पुलिस कमिश्नर को किया नोटिस जारी

कोर्ट ने उक्त प्रकरण की अब तक हुई जांच रिपोर्ट सहित न्यायालय में पेश होने का दिया आदेश
अभी तक के विवेचना पर न्यायालय ने दिखाई नाराजगी

302 में अठारह दिनों में भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे ने लगा दिया था हत्याकांड में एफआर

वाराणसी
नीट प्रतियोगी छात्र नितेश मिश्र हत्याकांड के मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अब तक की हुई जांच रिपोर्ट को न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है। जिससे पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है।बता दें कि प्रतापगढ़ जिले के पट्टी कोतवाली क्षेत्र के शेषपुर अठगवा गांव निवासी धर्मेंद्र मिश्र का इकलौता बेटा नीट प्रतियोगी छात्र नितेश मिश्र का वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के शुकुलपुर सुंदरपुर में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था।12, जुलाई 2022 शाम उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के चाचा रवीन्द्र मिश्रा की तहरीर पर आठ दिन बाद भेलूपुर थाने में 11,नामजद व एक अज्ञात के विरुद्ध धारा आई पी सी 302के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया। लेकिन तत्कालीन विवेचक रमाकांत दुबे ने आरोपितों से मिलकर मामले में अठारह दिन में फाइनल रिपोर्ट लगाकर अदालत में पेश कर दिया।इस मामले में मृतक के चाचा ने सीजेएम कोर्ट में प्रोटेस्ट दाखिल किया जिसको अदालत ने स्वीकारते हुए फाइनल रिपोर्ट खारिज करते हुए अग्रिम विवेचना का आदेश दिया चौंक इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा को दिया उन्होंने भी पूर्व विवेचक की जांच को तस्दीक करते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी।वादी मुकदमा ने तीसरी बार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दिया जिस पर न्यायालय ने पुनः फाइनल रिपोर्ट रिजेक्ट करते हुए तिसरी बार पुनः विवेचना का आदेश किया। पीड़ित सारे प्रकरण को लेकर माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद गया। जहां उसके अधिवक्ता आशीष कुमार मिश्रा व संजय द्विवेदी ने घटना की पूरी दलील न्यायालय के सामने रखा।जिस पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति डॉ गौतम चौधरी के खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस कमिश्नर वाराणसी को नोटिस जारी कर दिया कि उक्त प्रकरण में अब तक हुई जांच तथा निष्पक्षता से जांच कराते हुए स्वयं हस्ताक्षर कर इसे 27 नवम्बर को माननीय न्यायालय के सामने प्रस्तुत करें।कोर्ट ने इस मुकदमे को टॉप टेन में रखा है। हाई कोर्ट के इस आदेश से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

डीजीपी ने भी दिया था विवेचना हटाने का आदेश

पीड़ित निष्पक्ष विवेचना को लेकर जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के साथ ही उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया था कि भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे द्वारा निष्पक्ष विवेचना नहीं की जा रही है। विवेचक आरोपितो से मिले हुए हैं और पैसा लेकर फाइनल रिपोर्ट लगा देंगे। जिस पर डीजीपी उत्तर प्रदेश ने पुलिस कमिश्नर वाराणसी को 16 अगस्त 2022 को आदेश दिया कि विवेचना किसी दूसरे से कराई जाएं। 17 अगस्त को जब यह खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई तो अट्ठारह अगस्त को ही पूर्व विवेचक रमाकांत दुबे ने अठारह दिन में ही फाइनल रिपोर्ट लगाकर अदालत में दाखिल कर दिया था। पूर्व में भी पीड़ित ने हाईकोर्ट में भी निष्पक्ष विवेचना की गुहार लगाई थी उस समय कोर्ट ने भी निष्पक्ष जांच का आदेश दिया था लेकिन भ्रष्ट विवेचक ने 302, जैसे संगीन मामले में नामजद आरोपितों को अठारह दिन में ही क्लीन चिट दे दिया था।इसकी चर्चा जोरों पर रही।

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