संवाददाता – दुद्धी तहसील
रेनूकूट/सोनभद्र। बीते 16 अप्रेल को एक अपराधी प्रवृत्ति की महिला द्वारा अपने दो साथियों के साथ मिल कर रेनूकूट के एक व्यक्ति को जो तिलक मे गए थे बृजेश पांडेय का अपहरण कर लिया, रात भर केवल आपसी सहमति ना बन पाने के कारण उस दिन वह व्यक्ति की जान बच गया, जिसे दूसरी रात एक साथ तीनो अपराधी ठिकाने लगाने ही वाले थे की सही वक्त पर मुस्तैद और तेजतर्रार पुलिस टीम पहुँच कर बचा ली थी, और उक्त अपराधी जेल गए थे। उसी अपराध मे शामिल महिला ने रेनूकूट के एक 65 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार पर हाथीनाला थाने से महज दो सौ फिट दूर ले जाकर रेप करने और छोड़कर भाग जाने का फर्जी आरोप लगाया है।
आरोपी बनाए गए रामकुमार गुप्ता ने इस संदर्भ मे बताया कि पुलिस अधीक्षक से मिलकर घटना के सम्बन्ध में उन्होने सारी बात बताई और पूर्व मे दिये गए सारे प्रार्थना पत्र की काँपी सौपी, उन्होंने बताया की यह सारा प्रकरण व्हाट्सएप पर लगे स्टैटस के चलने से उत्पन्न हुआ है। रामकुमार ने बताया कि अपने आप को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य बताने वाले एक नेता द्वारा पिपरी नगर के नगर पंचायत अध्यक्ष के छोटे भाई की पत्नी के भाग जाने के संदर्भ मे लगा व्हाट्सएप स्टेट्स से शुरू हुआ। जिसके संदर्भ मे एक पत्रकार होने और उक्त नेता और नगर अध्यक्ष से संपर्क होने के कारण हमने उक्त नेता से पूछ लिया था की इस स्टेटस में क्या सत्यता है? या फिर पिपरी नगर अध्यक्ष के परिवार की छवि खराब कर रहे है तो उन्होंने अभिज्ञता जाहिर करते हुए मैसेज डिलीट कर दिया। इसके उपरांत हमारे द्वारा नगर अध्यक्ष पिपरी के छोटे भाई से पूछ लिया कि आपके खास नजदीकी नेता ऐसे आपके परिवार के संदर्भ मे लिखा गया है तो क्या बात है जिससे उन्होंने भी जानकारी से अभिज्ञता जाहिर की और बाहर रहने का हवाला देकर आने पर पता करने को कहकर फोन काट दिया। अगले दिन आधीरात को चार ब्यक्ति नशे मे टुन्न होकर हमारे घर के पास होटल मे आये और वहाँ से हमे फोन कर सड़क पर बुलाकर भद्दी-भद्दी गाली देने लगे, मार-पीट पर उतारू होकर हाथापाई करने लगे। जिससे मै काफी डर गया और 112 पर फोन कर किसी तरह उन लोगों से अपनी जान बचाई।
रामकुमार ने बताया कि उक्त संदर्भ मे अगली सुबह पिपरी थाने, क्षेत्राधिकारी, पुलिस अधीक्षक, डीजीपी, और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सारी घटना से अवगत कराते हुए सुरक्षा की गुहार लगाया मगर कही से कोई परिणाम न मिलता देख न्यायालय की शरण मे जाकर गुहार लगाया।
जिस संदर्भ मे उक्त व्यक्तियों द्वारा समझौता करने के लिए दबाव बनाने लगे और तरह तरह के षडयंत्र रचने लगे। इसी क्रम में रामकुमार ने बताया कि राजू सोनकर की दुर्घटना मे मृत्यु हो जाने पर उस दुर्घटना को हत्त्या साबित कर उसमे मेरे नाम पर समाचार लगाना, सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर लोगो को बहका कर समाचार और कमेंट चलाकर पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर उस दुर्घटना को हत्त्या साबित कर हमे फँसाने की साजिश करना। चौथा – सुनीता घसिया और उसकी 15 साल की बेटी के नाम से 376 और पाक्सो एक्ट जैसे गंभीर धाराओ मे मुकदमा के लिए पुलिस अधीक्षक के नाम से प्रार्थना पत्र अपने संगठन के जिलाध्यक्ष से सोशल मिडिया पर चलवाकर हमे धमकी देने और सामाजिक क्षति पहुँचाने की कोशिस की गयी। पांचवा – किसी महिला निवासी डूमरडीहा दुद्धी से 156/3 मे कोर्ट से मुकदमा विभिन्न धाराओ मे फर्जी पंजीकृत कराकर पुनः धमकी देना और सामाजिक, पारिवारिक क्षति पहुँचाने की कोशिश करना। जिसके क्रम में पुलिस अधीक्षक ने यह अश्वाशान दिया की आपके साथ न्याय होगा।
मै थाने प्रभारी को जांच के लिए बोलता हूं जिसने डाला वाले प्रकरण का प्रार्थना पत्र चलाया उस कोर्ट से नोटिस भेजकर तलब कराइये, अपराधी कोई भी हो, किसी पार्टी का हो बख्सा नही जायेगा। आपके साथ न्याय होगा।रामकुमार बताया कि वे इन उक्त व्यक्तियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने एवं षड्यंत्र रच कर फसाने की कोशिश से परेशान हैं। उन्होने कहा कि हर सक्षम अधिकारी से गुहार लगा रहे हैं ताकि उन्हें न्याय मिल सके।