एंटी न्यूज से चिढ़े तहसीलदार व एसडीएम ने पत्रकार को दी सपरिवार जेल भेजने व तीन साल की बेटी की बलात्कार करने की धमकी, भगवा वस्त्र को दी मां बहन की गालियां

न्यूजलाइन नेटवर्क , स्टेट ब्यूरो

रायपुर : ज्ञात हो कि न्यूजलाइन नेटवर्क ने बीते २१ नवंबर को मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि हितग्राही खेमेश्वर पुरी गोस्वामी से मुंगेली जिले के तहसील कार्यालय लोरमी के नाजिर द्वारा ३० प्रतिशत कमीशन की मांग को लेकर खबर चलाई थी, जिसके बाद २२ नवंबर को पत्रकार खेमेश्वर पुरी गोस्वामी को तड़के सुबह मुंगेली एसपी भोजराम पटेल के आदेशानुसार लोरमी पुलिस ने गिधवा -परसदा थाना नवागढ़ जिला बेमेतरा से बिना किसी आधार गिरफ्तार किया था और गिरफ्तारी के बाद उनके विरुद्ध फर्जी शिकायत दर्ज कराई गई थी।

जिस पर एसडीएम कोर्ट में एसडीएम अजीत पुजारी व उनके बगल में बैठ कर तहसीलदार शेखर पटेल ने,२१ नवंबर को चलाए न्यूज डिलीट कराने के लिए गिरफ्तारी की बात स्वीकारी थी।

पहले तो लोगों में यह अफवाह फैला दी गई कि खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ने तहसीलदार से लड़ाई की थी करके परंतु जब तहसीलदार का छुट्टी में होना और हड़ताल पर रहना पाया गया तब आनन-फानन में एक नई फर्जी वाद-विवाद की मनगढ़ंत कहानी को शिकायत दर्ज कराई गई।

जब खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ने तहसीलदार शेखर पटेल व एसडीएम अजीत पुजारी से उनके व फर्जी शिकायत के आवेदक का नार्को परीक्षण कराने का एसडीएम कोर्ट में मांग रखा गया तब उन्होंने कहा कि यह सब सिर्फ न्यूज के चलते किया गया है।

बावजूद इसके उन्होंने पेशी की तारीख रखी है व एसडीएम कोर्ट में घूसकर तहसीलदार ने नोटसीट में नार्को टेस्ट की बात लिख रहे पत्रकार का हाथ पकड़कर एनकाउंटर की धमकी दिया।

एसडीएम और तहसीलदार ने एक साथ कहा कि दोबारा भगवा वस्त्र पहन कर इधर दिखना मत नहीं तो ठोंक देंगे (एनकाउंटर कर देंगे) चूंकि खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ने गिरफ्तारी के समय व कोर्ट में भगवा वस्त्र पहना हुआ था। जहां एसडीएम और तहसीलदार ने भगवा को मां-बहन की व अनेकों गंदी गंदी गालियां दीं

इससे न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े हो जाते हैं कि जिन एसडीएम का नाम न्यूज में मेंशन है वही अपने कोर्ट में कैसे सुनवाई कर रहे हैं जबकि इस पर जिला न्यायालय या हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।

व पत्रकार खेमेश्वर पुरी गोस्वामी को रात नौ बजे तक अल्टीमेटम दिया गया था यदि न्यूज डिलीट नहीं किया गया तो अपने कुर्सी की औकात बताते हुए धमकी दी गई कि उन्हें सपरिवार जेल भेज देंगे और तीन साल की बेटी की बलात्कार करवा देंगे,व एटीआर अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल में फेंक देंगे, फिर बाद में खेमेश्वर पुरी गोस्वामी को भी एनकाउंटर कर एटीआर के जंगल में फेंक कर हत्या साबित कर केस पेंडिंग पड़े रहने छोड़ देंगे।

अब ऐसे में सवाल उठता है कि पत्रकार खेमेश्वर पुरी गोस्वामी के परिवार व उन्हें आखिर कौन न्याय दिलाएगा क्योंकि जब प्रशासनिक अधिकारी ही गुंडे बने बैठे हैं तो आखिर कौन न्याय करेगा। और बंद कमरे वाली कोर्ट में धमकी दी गई,जिस वक्त पत्रकार की मोबाइल बंद करवा दी गई थी। इसलिए नार्को व पालीग्राफ टेस्ट के अलावा सबूत देने कुछ नहीं है,और शिकायत कहां करें अभी समझ से परे है।

बता दें कि खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ने क्षेत्र में चल रहे धर्मांतरण व उक्त अधिकारियों द्वारा लोगों को धर्मांतरण करने प्रेरित करने के संबंध में कुछ विडियो व कागजी सबूत इकट्ठा किया गया था जो कि वह रायपुर संघ कार्यालय लेकर जा रहे थे जिसकी भनक अधिकारियों को लग गई थी जिसके चलते खेमेश्वर पुरी गोस्वामी को गिरफ्तार कर एसडीएम कोर्ट में उनसे चार पेनड्राइव व कुछ कागजात जो उनके विरुद्ध धर्मांतरण को लेकर पुख्ता सबूत थे छीन लिया गया है।

छत्तीसगढ़ में सच्ची पत्रकारिता की अस्मिता खतरे में है हाल ही में बस्तर संभाग में चार पत्रकारों को फर्जी तरीके से गांजा के केस में फंसाकर जेल भेज दिया गया था।

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