न्यूजलाइन नेटवर्क, बस्तर संभाग ब्यूरो
रिपोर्ट – बालक राम यादव, संभाग ब्यूरो प्रमुख
सुकमा : जिले के पशुपालक किसानों को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने शबरी दुग्ध सागर की शुरुआत किया गया। इस रोजगार के लिए
लगाई गई मशीन शुरू होने से पहले ही खराब हो गई थी फिर से जिला प्रशासन ने मरम्मत करा कर समिति को सौंप दिया गया
लेकिन एक साल के भीतर दूसरी बार मशीनें खराब हो गई जिसके कारण वर्तमान में दुग्ध सागर में ताला जड़ दिया गया है,फिर से खण्डहर होने की संभावना नजर आ रही है।
जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट सड़क पर स्थित शबरी दुग्ध सागर में काम लगभग बंद हो चुका है। इसकी शुरुआत 2022 में जिला प्रशासन ने दुग्ध सागर की गई थी। भवन का निर्माण कराया गया उसके बाद 18 लाख 5 हजार की मशीनें खरीदी गईं। लेकिन दूध उत्पादन शुरू होने से पहले ही मशीनें खराब हो गई थीं और कबाड़ में तब्दील हो गई थीं। लेकिनफिर से जिला प्रशासन ने मशीनों की मरम्मत कराई और एक समिति बनाकर सौंप दी ताकि किसान दुग्ध व्यवसाय से जुड़ सके। लेकिन एक साल में ही मशीनें खराब हो गईं और दुग्ध उत्पादन लगभग बंद हो गया। इस समिति में 10 व्यक्ति शामिल है। साथ ही लाखों की कीमत से खरीदी गई जनरेटर जंगल के अंदर कबाड़ की भाव में आराम कर रही है।पहले करीब 500 लीटर दूध की आवक थी। असल में अब मात्र जीरो लीटर ही दूध की आवक है। लोगों ने दूध की सप्लाई बंद कर दी।
पशुपालन विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही, किसानों को दिया धोखा, 2016-17 में पशुपालन विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभाएं आयोजित कर किसानों को कूकुट पालन बकरी पालन एवं डेयरी फार्म खोलने 12 लाख रुपए बैंक से कर्ज लेने से 6 लाख रुपए सब्सिडी उपलब्ध होगी और साथ ही दूध कहीं और विक्रय करने की जरूरत नहीं होगी शबरी दुग्ध सागर आरंभ किया जाएगा वहीं पर उचित मूल्य पर दुग्ध क्रय किया जाएगा लेकिन जमीनी हकीकत ऐसा नहीं हुआ प्रमाण के साथ लेख कर रहा हूं कि जिले के दर्जनों किसान ने बैंक से कर्ज लिया और डेयरी सेट का निर्माण करने के लिए 150 लाख रुपए क़र्ज़ दिया बैंक ने कुछ दिन बाद किसान ने गाय क्रय के लिए राशि भुगतान करने बैंक से कहने पर बैंक ने सीधा मना किया और कहा कि पशुपालन विभाग पहले बैंक को सब्सिडी जारी करें उसके बाद ही गाय क्रय के लिए राशि भुगतान किया जाएगा दरअसल पशुपालन विभाग ने किसानों को धोखाधडी का शिकार बना दिया अब किसान जितनी बैंक से राशि भुगतान लिया गया था वह छः सात वर्ष में चार गुना राशि से अधिक ब्याज बनी हुई है किसानों ने अब क्या करें बेवजह का क़र्ज़दार बना दिया पशुपालन विभाग किसान सरकारी योजनाओं से धोखा खा रहा है अब अन्य योजनाओं से क्या भरोसा करेगा किसानों के नाम से भ्रष्टाचार लूट खसोट हो रही है।
किसानों ने उक्त मामले को लेकर दर्जनों दफा कलेक्टर को भी ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया एवं पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक कवासी लखमा को भी जानकारी दी गई मंत्री ने पशुपालन विभाग के अधिकारी जहीर उद्दीन को रेस्ट हाऊस में बुलाकर मामले को हल करने कहा गया जहीर उद्दीन ने किसानों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि समस्या को त्वरित निराकरण किया जाएगा लेकिन आज लगभग दो वर्ष बीत गए किसानों की समस्या को निराकरण नहीं किया गया आज किसान तीन से चार गुना कर्ज में डूबे हुए हैं।