
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। दुद्धी स्थानीय खेल मैदान के मंच पर रविवार को वनाधिकार दिवस मनाया गया।वनाधिकार दिवस की अध्यक्षता करते हुए शुकालो गोंड ने कहा कि 15 दिसंबर 2006 से आज के दिन वनाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन सन 2006 में हमारी संसद ने इस कानून को पारित किया। जिसके तहत वनाश्रित समुदाय को उनकी वन एवं वनभूमि पर मालिकाना हक़ प्रदान किया गया है। लेकिन अभी तक इस कानून के तहत हमें अपने अधिकार नहीं मिल रहे और आदिवासियों को उनकी जमीन और घर से खदेड़ा जा रहा है।
इसके साथ ही जिले में अभी तक 26 ग्राम सभा द्वारा दायर सामुदायिक दावों का निस्तारण भी नहीं किया गया है। जिन दावों को हमने जिलाधिकारी को 2018 और फिर 2022 में सौंपे थे। सरकार द्वारा भी इस विशेष कानून की अनदेखी की जा रही है। हमारा संगठन वन एवं भूमि अधिकारों पर वनाश्रित समुदाय और विशेषकर महिलाओं के अधिकारों के प्रति समर्पित है। हम अपनी भूमि एवं वनों पर अपना हक़ चाहते हैं ताकि हम अपने वनाधिकार जल, जंगल, जमीन की अपने घर की जमीन, अपने खेती की जमीन को सामूहिक रूप से बचा सके और उसकी रक्षा कर सकें। हमारे ऊपर गैर कानूनी तरह से जो हमला किया जा रहा है उसको हम पूरी तरह से विरोध करते है और प्रशासन से अपनी सुरक्षा की मांग करते हैं। इस कार्यालय के तहत हम महिला के अधिकारों और वनाधिकारों की सुरक्षा के लिए काम करेंगे। और जो महिलाओं को परेशान करेगा और हमारे संसद के बताए वनाधिकार कानून के खिलाफ जो भी अड़चन पैदा करेगा उसको हम सबक सिखाने का काम करेंगे।
इस मौके पर शुकालो, किसमती, मानमती मुन्नर, बृजबाल, जागवत, फुलकुवर, बाबुलाल, लीलावती, राजेंद्र, राम बरन, सहित अन्य उपस्थित रहें। हरिहर प्रसाद के मकान का प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मौके पर पैमाईश कराकर निर्माण कराया गया है। जिसका मामला न्यायालय में है। जिसमें आस पास के निवासियों द्वारा जबरिया अवैध कब्जे करवाने की नियत से कार्यालय खोलने का आरोप मकान स्वामी द्वारा लगाया गया है।