प्रियंका गांधी का नया दांव: संसद में ‘बैग पॉलिटिक्स’ से मचाया बवाल, जानें क्या है पूरा मामला!

प्रियंका गांधी का नया जवाब: संसद में बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में किया विरोध प्रदर्शन

सोमवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद में फलस्तीन के समर्थन वाला एक बैग लेकर उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस कदम के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर जमकर निशाना साधा और आलोचना की। यही नहीं, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के एक करीबी नेता ने प्रियंका गांधी की इस पहल की तारीफ की थी, जिसके चलते ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस सांसद विवादों में घिर सकती हैं।

हालांकि, मंगलवार को प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे का जवाब एक नए और खास तरीके से दिया। इस बार उनका संदेश साफ था—बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के समर्थन में उनकी आवाज।

प्रियंका गांधी नए बैग के साथ संसद में पहुंचीं

मंगलवार को प्रियंका गांधी एक नया बैग लेकर संसद पहुंचीं, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस बार उनके हैंडबैग पर लिखा था—“बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हों।” प्रियंका गांधी के इस कदम ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी मंशा केवल एक मुद्दे पर नहीं बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक समुदायों की आवाज उठाने की है।

कांग्रेस सांसदों का यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे कथित अत्याचारों के खिलाफ था। प्रियंका गांधी और उनके साथ कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने संसद परिसर में प्रदर्शन करते हुए इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया।

संसद परिसर में कांग्रेस का प्रदर्शन और नारेबाजी

संसद परिसर में कांग्रेस सांसदों ने बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं के हाथों में ऐसे हैंडबैग थे जिन पर बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के समर्थन में नारे लिखे हुए थे।

इस मौके पर प्रियंका गांधी समेत अन्य सांसदों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से मांग की कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे हमले चिंता का विषय हैं और भारत सरकार को इस मामले पर गंभीर चर्चा करनी चाहिए।

कांग्रेस नेताओं का कहना था कि भारत, एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र होने के नाते, पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर अपनी जिम्मेदारी निभाए। प्रदर्शन के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि मानवाधिकारों की रक्षा से जुड़ा मामला है।

एक दिन पहले प्रियंका ने उठाया था फलस्तीन का मुद्दा

गौरतलब है कि सोमवार को प्रियंका गांधी वाड्रा संसद में एक क्रीम रंग का बैग लेकर पहुंची थीं, जिस पर फलस्तीन के समर्थन में एक संदेश लिखा था। उनका यह कदम फलस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए था। हालांकि, इस मुद्दे पर भाजपा ने प्रियंका गांधी पर जमकर निशाना साधा था और इसे ‘राजनीतिक ड्रामा’ करार दिया था।

यही नहीं, पाकिस्तान में इमरान खान के करीबी नेता की ओर से प्रियंका गांधी की तारीफ किए जाने के बाद विवाद और गहरा गया। भाजपा नेताओं ने इस मौके को भुनाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उनकी नीतियां राष्ट्रहित के खिलाफ हैं।

प्रियंका गांधी का संसद में भाषण: बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के समर्थन की अपील

सोमवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया। अपने संबोधन में उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की।

प्रियंका गांधी ने कहा, “बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ हो रहे अत्याचार चिंताजनक हैं। भारत सरकार को इस मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के सामने गंभीरता से उठाना चाहिए। यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए प्रयास करे।”

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह सिर्फ बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों का मामला नहीं है बल्कि यह उनके अधिकारों और मानवता की रक्षा का सवाल है।

कांग्रेस की रणनीति: अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विपक्ष का आक्रामक रुख

प्रियंका गांधी के इस कदम को कांग्रेस की एक सोची-समझी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वह न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अल्पसंख्यकों और वंचित समुदायों की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रियंका गांधी के इस नए अंदाज से कांग्रेस को भाजपा की आलोचना का जवाब देने का एक मजबूत माध्यम मिला है। सोमवार को फलस्तीन का मुद्दा उठाने के बाद मंगलवार को बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के समर्थन में प्रदर्शन करके कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह मानवाधिकारों के मुद्दों पर चुप नहीं बैठेगी।

प्रियंका गांधी के इस दो-दिवसीय विरोध प्रदर्शन ने सियासी हलचल मचा दी है। जहां एक ओर भाजपा ने उनके कदमों को निशाने पर लिया है, वहीं कांग्रेस ने इसे अपनी मजबूती और विपक्ष के आक्रामक रुख के रूप में प्रस्तुत किया है। प्रियंका गांधी का यह अंदाज आगे भी राजनीतिक चर्चाओं और विवादों का केंद्र बना रह सकता ह

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