मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन में सीडीपीओ ने सुविधा शुल्क लेने का बना रहे कार्यकर्ताओं पर दबाव।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। चितरंगी स्थानीय महिला एवं बाल विकास विभाग के दफ्तर में भर्रेशाही मची हुई है। कार्यकर्ताओं पर धौस जमाने के लिए नोटिस सबसे बड़ा हत्थकण्डे अपना लिया है। जहां अब मिनी आंगनवाड़ी को विलय करने के एवज में वसूली के लिए दबाव बनाने का काम जोर-शोर से कवायदे की जा रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार महिला बाल विकास परियोजना चितरंगी क्रमांक 02 के सीडीपीओ का प्रभार परियोजना क्रमांक 01 का भी है।

सूत्र बताते हैं कि मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को परियोजना कार्यालय में बुलाया गया है और इनसे उन्नयन करने के बदले सुविधा शुल्क की मांग की जा रही है। जबकि राज्य शासन द्वारा उन्नयन करने के आदेश है। तो इनको कार्यालय में बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी। जब इनकी नियुक्ति मिनी आंगन बाड़ी कार्यकर्ता के लिए हुई तो समस्त दस्तावेज कार्यालय के पदस्थापना के दौरान में जमा है। नाम न छापने के शर्त पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सीडीपीओ द्वारा तरह-तरह के हत्थकण्डे अपना कर सुविधा शुल्क के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

यहां बताते चले कि सीडीपीओ चितरंगी 10 वर्षों से अंगद की पांव के तरह जमा कर बैठे है। चितरंगी विकास खंड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। इनके द्वारा बात-बात में नोटिस जारी कर डरा धमाका कर भेजा वसूली की जाती है। परियोजना कार्यालय चितरंगी क्रमांक 01 में कई पर्यवेक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। मेडिकल ऑफिसर के द्वारा मेडिकल रिपोर्ट में बेड रेस्ट लिखने के बाद भी इनके द्वारा नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। इस सीडीपीओ से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित पर्यवेक्षक सभी इनके क्रियाकलाब से तंग हो कर मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षण कराते हुये न्याय पूर्वक कार्रवाई करने की मांग कलेक्टर से की है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!