
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट
सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। जिला पंचायत किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियों में बने रहना आम बात होती जा रही है। अभी तकनीकी सहायक विपुल सिंह को जनपद पंचायत में अटैच करने का मामला ठंडा नही पड़ा था कि एक सचिव पर मेहरबानी जिला पंचायत सीईओ चर्चा में आ गए है। वही अब एक पंचायत सचिव पर कृपा दृष्टि चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल जनपद पंचायत क्षेत्र बैढ़न के ग्राम पंचायत गहिलरा में पदस्थ पंचायत सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा को तीन पंचायतो का प्रभार सौंपा गया है। मूल पदस्थापना पंचायत के अलावा पहले से ग्राम पंचायत कंजी का अतिरिक्त प्रभार था कि 27 जनवरी को ग्राम पंचायत खटखरी का अतिरिक्त एक और प्रभार सौंप दिया गया है। जिला पंचायत सिंगरौली के सीईओ ने 27 जनवरी को खटखरी ग्राम पंचायत सदस्य सचिव सुर्शमा प्रसाद पाण्डेय को जनपद पंचायत कार्यालय में अटैच करते हुए गहिलरा पंचायत के सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा को अतिरिक्त प्रभार सौंपने का आदेश जारी किया है।
सीईओ जिला पंचायत के द्वारा जारी कार्यालयीन आदेश पत्र में इस बात का जिक्र है की समीक्षा के दौरान ग्राम पंचायत खटखरी में प्रधानमंत्री आवास एवं मनरेगा योजना अंतर्गत निर्धारिम घटको की प्रगति अत्यन्त न्यून पाई गई है। पंचायत सचिव खटखरी द्वारा पदीय दायित्वों के निर्वहन में प्रर्याप्त रूचि नही ली जा रही है। जो घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता का द्योतक है। सीईओ ने आदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य एवं प्रगति का आकड़ेवार विवरण दिया है। यहा पर सीईओ की कार्रवाई जायज मानी जा रही है। इसमें कोई लेकिन परन्तु नही है। किन्तु जितेन्द्र विश्वकर्मा को अतिरिक्त प्रभार सौंपने पर चर्चाए की जा रही है।
वही उक्त प्रभार का आदेश जारी होने के बाद ही पंचायत से जुड़े लोग सवाल उठाने लगे हैं कि आखिरकार जिस पंचायत सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई शिकायतें लंबित है और उसी को एक नही दो नही बल्कि तीन पंचायत का प्रभार देना कही ना कही बड़े सवाल खड़ा कर रहा है। साथ ही अभी चर्चा है कि जिला पंचायत के कुछ कारखास के इशारे पर ही कामकाज चल रहा है। फिलहाल जनपद पंचायत क्षेत्र बैढ़न के गहिलरा ग्राम पंचायत सचिव पर जिला पंचायत सीईओ की मेहरबानी और कृपा दृष्टि पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
रोजगार सहायक को सौंपा जा सकता है प्रभार:- जानकारी के लिए बता दे की यदि किसी वजह से पंचायत सचिव को हटाने या निलंबित करने के बाद सबसे पहले वहां का प्रभार रोजगार सहायक को देने का प्रावधान है। यदि रोजगार सहायक नही है। तो नजदीकी ग्राम पंचायत के सचिव को प्रभार सौंपा जा सकता है। हालांकि गहिलरा एवं खटखरी पर बहुत दूरी नही है। लेकिन एक ही सचिव को तीन पंचायत का प्रभार सौंपा गया है। इस पर उंगली उठाना लाजिमी है। सचिव पर इतनी मेहरबानी पंचायत विभाग के कर्मचारियों के गले से बात नहीं उतर रही है। अब इसके पीछे जिला पंचायत सीईओ की मनसा क्या है? इसे तो वही बता पाएंगे। वही सीईओ को सचिवों को हटाने पदस्थापना करने का स्वयं का अधिकार है। किंतु एक सचिव को तीन पंचायत का प्रभार सौंपना यह बात लोगों को हजम नहीं हो रही है।
चर्चाओं में है एडीओ एवं पीसीओ, जिला पंचायत सिंगरौली में इन दोनों तीन कर्मचारी खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं और उनके नाम से मैदानी कर्मचारियों में कुछ ना कुछ खौफ भी है।
यहा बताते चले की जनपद पंचायत बैढ़न में डीपी चौधरी की एडीओ के पद पर मूल पद पदस्थापना है। किंतु उन्हें जिला पंचायत अटैच किया गया। इसी तरह जनपद पंचायत में पीसीओ के पद पर पदस्थ राम शुक्ला को भी जिला पंचायत में अटैच किया गया है। वही सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ इंद्रभान बुनकर की कार्यप्रणाली भी सवालो के घेरे में हैं। अब चर्चाएं हैं कि जिला पंचायत का दफ्तर इन्हीं कर्मचारियों के कामकाज आगे बढ़ रहा है।