न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट – अरविन्द प्रकाश मालवीय

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठन ग्राम स्वराज्य समिति ने कहा कि बाल अधिकारों के मोर्चे पर जिला प्रशासन व नागरिक समाज में जो सजगता व समन्वय दिख रहा है, उससे यह विश्वास जगता है कि हम जल्द ही बाल श्रम मुक्त चंदौली और सोनभद्र का सपना साकार होते देखेंगे। संगठन ने कहा कि पिछले एक साल में जिला प्रशासन के सहयोग से उसने जिले में बाल श्रम के खिलाफ 50 छापामार अभियान चलाए और इस दौरान 112 बच्चों को मुक्त कराया। आज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर भी ग्राम स्वराज्य समिति ने जिले में इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिसमें बाल मजदूरी के खिलाफ लोगों को जागरूक किया गया और इसके खात्मे का संकल्प लिया गया। इस दौरान बाल मजदूरी के पूरी तरह खात्मे के लिए राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन मिशन शुरू करने, इसके लिए पर्याप्त संसाधनों का आवंटन और जिलों में जिला स्तरीय चाइल्ड लेबर टास्क फोर्स के गठन की मांग की।
ग्राम स्वराज्य समिति के निदेशक महेशानंद भाई ने रिपोर्ट के हवाले से कहा, “बाल श्रम के खात्मे की दिशा में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है और इसका श्रेय राज्य सरकार और जिला प्रशासन की सतर्कता और संवेदनशीलता को जाता है। हमने जिले में अब तक 112 बाल मजदूरों को मुक्त कराया है और उनके पुनर्वास की दिशा में भी प्रयास किए हैं।” उन्होंने कहा कि पीड़ितों के पुनर्वास और अपराधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई से ही बाल मजदूरी पर रोक लग पाएगी और भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।” साथ ही यह भी बताया गया कि आज बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल श्रम कुप्रथा को समाप्त करने हेतु अगस्त माह 2025 तक प्रशासन एवं संबंधित विभाग के समन्वय से विशेष अभियान जनपद के चिन्हित हॉटस्पॉट स्थानों पर बाल श्रम कुप्रथा को समाप्त करने हेतु बाल श्रमिकों का चिन्हांकन एवं पुनर्वासन के लिए चलाया जाएगा।