वैकल्पिक सड़क बना कर हो कोयला-राखड़ परिवहन, संयुक्त संघर्ष मंच ने खोला मोर्चा।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट – अरविन्द प्रकाश मालवीय

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। हनुमान मंदिर के समीप खुटार बाजार में शनिवार को संयुक्त संघर्ष मंच सिंगरौली के तत्वाधान में एक युद्ध सड़क दुर्घटना के विरुद्ध विषय पर बैठक की गई। जिसमें आए दिन बैढ़न से वाया कचनी-परसोना-खुटार-रजमिलान मार्ग पर सड़क दुर्घटना हो रही घटना को आम जनमानस तक पहुंचाया गया और घर-घर से पूर्ण समर्थन की अपील की गई एवं प्रशासन की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए। साथ ही अडानी कंपनी द्वारा कोल व राखड़ परिवहन का अलग से मार्ग निर्माण करने एवं यातायात नियमों का पालन करने पर गहन चर्चा की गई। संयुक्त संघर्ष मंच के तत्वाधान में सड़क दुर्घटना को लेकर बैठे संपन्न।

संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले सिंगरौली में सड़क दुर्घटना को वृहद आंदोलन किया जाना है, जिसके लिए खुटार बाजार में आम जनमानस के बीच सभी लोग मिलकर बैठक में अपनी-अपनी बात रखें और आने वाले समय में जिले के लोग सड़क दुर्घटना से अपने जीवन को सुरक्षित करने लामबंद होने लगे है। बैठक की कड़ी में आज तीसरी बैठक खुटार बाजार में आयोजित हुई, जिसमें सैकड़ो ग्रामीण जन शामिल हुए। सभी ने संयुक्त संघर्ष मंच में अपने-अपने विचार और सुझाव साझा किया। वही बैठक में शामिल लोगों में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और कम्पनियों के प्रति अत्यधिक आक्रोश नजर आया, सभी ने एक स्वर में एक ही मांग किया है कि समय रहते इन काल रूपी परिवहन वाहनों के रोक दिया जाए और वैकल्पिक सड़क बना कर परिवहन करें या इसी सड़क को फोरलेन बनाए और व्यवस्थित तरीके से परिवहन कार्य संचालित कराए। इसी कड़ी में अगली बैठक रजमिलान बाजार में कल दिन रविवार 29 जून की दोपहर 2:00 बजे सुनिश्चित की गई। बैठक में मुख्य रूप से ज्ञानेंद्र सिंह, बबलू, अंकित सिंह, दशरथ सिंह, लक्ष्मीनारायण, रामनारायण शाह, रामानुग्रह शाह, रामदयाल शाह, बालगोविंद सिंह, बृजभूषण सिंह, राजकुमार शाह सहित अन्य क्षेत्रवासी मौजूद थे।

अधिकारियों के आदेश हवा हवाई:- बैठक में मौजूद लोगों का कहना है कि जब तक सड़क मार्ग व्यवस्थित नहीं हो जाता है, तब तक परिवहन कार्य सिर्फ रात को 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक ही किया जाए। यदि 24 घंटे के भीतर जिला प्रशासन के अधिकारी विगत दिवस कचनी सड़क दुर्घटना के बाद नो इंट्री के लिए नया आदेश पारित करते हैं और उसका पालन नहीं होता है, तो 24 घंटे बाद कभी भी सिंगरौली की जनता सड़क पर उतरने पर विवश हो जाएगी। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन सिंगरौली की होगी।

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