
डिजिटल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया महत्वपूर्ण कदम, परिचालन उत्कृष्टता के लिए एनसीएल अपना रहा ‘इन-हाउस डिजिटल’ समाधान।
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट – अरविन्द प्रकाश मालवीय
सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। कोल इंडिया लिमिटेड की सिंगरौली स्थित प्रमुख अनुषंगी कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने मंगलवार को डिजिटल परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जिसके तहत एनसीएल मुख्यालय, में “इन-हाउस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डिजिटल ब्रेकथ्रू” का उदघाटन किया गया। संक्षिप्त रूप में ‘आइस-ब्रेकिंग’ कहे जाने वाले इस सेंटर का उद्देश्य कंपनी की आवश्यकताओं के अनुरूप नवाचारी डिजिटल समाधान विकसित करना है। यह केंद्र खनन योजना, डिजाइन, उत्पादन, सुरक्षा तथा रीयल टाइम निगरानी एवं फीडबैक हेतु डिजिटल एप्लिकेशन को कस्टमाइज़ करने पर केंद्रित रहेगा। उद्घाटन कार्यक्रम में एनसीएल के सीएमडी बी. साईराम, निदेशक (मानव संसाधन) मनीष कुमार, निदेशक (वित्त) रजनीश नारायण, निदेशक (तकनीकी) सुनील प्रसाद सिंह, क्षेत्रीय महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष एवं अन्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर एनसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक बी. साईराम ने इस विशेष डिजिटल पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “जैसा कि सेंटर के संक्षिप्त नाम ‘आइस-ब्रेकिंग’ से स्पष्ट है, हमारा लक्ष्य इस केंद्र को एक ऐसे मंच के रूप में विकसित करना है, जहाँ कंपनी की युवा प्रतिभाएं स्मार्ट, डिजिटल और डेटा-आधारित समाधान तैयार करेंगे जो कंपनी के भविष्य को नया आकार देंगे। यह केंद्र नवाचार को बढ़ाने, रचनात्मकता को सशक्त करने और भावी समाधानकर्ताओं को पोषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एनसीएल में प्रतिभाशाली अधिकारियों की एक लंबी फेहरिस्त है, जो प्रोग्रामिंग, एप्लिकेशन विकास, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा डेटा एनालिटिक्स जैसे आधुनिक डिजिटल टूल्स के उपयोग में दक्ष हैं। यह सेंटर उनके दक्षता, रुचि और जुनून को प्रभावशाली डिजिटल समाधानों में रूपांतरित करने का माध्यम बनेगा।
इससे पहले भी कंपनी ने ओआईटीडीएस और प्रोजेक्ट डिजीकोल जैसे डिजिटल समाधान अपनाए हैं। साथ ही एनसीएल, एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तथा ऑडियो, वीडियो और डेटा कम्युनिकेशन के लिए 5G कैपटिव नेट की स्थापना की प्रक्रिया में है। उल्लेखनीय है कि डिजिटल क्षेत्र में एक अन्य महत्वपूर्ण पड़ाव के तहत एनसीएल ने जयंत परियोजना विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का डिजिटलीकरण किया है, इसके अंतर्गत एक वेब आधारित एप्लिकेशन तैयार किया गया है, जो सर्वेक्षण डेटा को डिजिटल रूप में संकलित करने, मुआवजा निर्धारण तथा शिकायत निवारण को सुव्यवस्थित करने में सहायक होगा।