कोचिंग सेंटर हादसे में आकाश की मौत से गांव में मातम, सेना में जाने का था सपना


न्यूजलाइन नेटवर्क
फर्रुखाबाद

फर्रुखाबाद में कोचिंग सेंटर के सेप्टिक टैंक में हुए ब्लास्ट में जान गंवाने वाले आकाश सक्सेना का सपना सेना में जाकर देश की सेवा करना था। हाल ही में उन्होंने आर्मी की दौड़ परीक्षा पास की थी और इस खुशी में दोस्तों को मिठाई भी खिलाई थी।आकाश के पिता राजेश सक्सेना पुलिस विभाग में कार्यरत हैं, लेकिन हृदय रोग से पीड़ित होने के कारण अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। शहर के पांचाल घाट पर अंतिम संस्कार किया गया, जहां चाचा सचिन सक्सेना ने मुखाग्नि दी। बेटे की असामयिक मौत से पूरा परिवार टूट गया है।गांव के लोग बताते हैं कि आकाश लंबाई में करीब 6 फीट थे, इसलिए दोस्त उन्हें प्यार से “लंबू” बुलाते थे। वह मिलनसार, हंसमुख और पढ़ाई में तेज थे। अक्सर अपने साथियों को भी तैयारी करने के लिए प्रेरित करते थे।नीनोआ गांव निवासी आकाश कश्यप की मौत से पूरे इलाके में मातम पसरा है। वह तीन बहनों के बीच इकलौते भाई थे। बीएससी और आईटीआई करने के बाद वह सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे थे। दो साल पहले उनकी शादी हुई थी।आकाश रोजाना दोपहर 12 बजे लाइब्रेरी पढ़ने जाते और शाम 4 बजे लौटते थे। हादसे वाले दिन भी वह पढ़ाई के लिए ही निकले थे, लेकिन वापस लौटकर नहीं आ सके।गांव की गलियों में शोक की लहर दौड़ गई। आकाश की मां, बहनें और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। सुबह जब उनकी अर्थी उठी तो हर आंख नम हो गई। लोग उनके सरल स्वभाव और मुस्कुराते चेहरे को याद कर आंसू नहीं रोक पाए।आकाश का सपना केवल सेना में जाकर देश सेवा करना था, लेकिन इस दर्दनाक हादसे ने पूरे परिवार और गांव को गहरे शोक में डुबो दिया।

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