कलान में किसानों को खाद की किल्लत का ढिंढोरा पीटकर जमकर हो रही कालाबाजारी,




वायरल वीडियो में दुकानदार खुलेआम कह रहा ,400 की मिलेगी यूरिया की बोरी,गोदाम की बराबरी कैसे करें जब 365 की खरीद का मूल्य


न्यूजलाइन नेटवर्क
कलान शाहजहांपुर

विकास खंड कलान में किसानों का जमकर दोहन किया जा रहा है, एक तरफ सरकार किसानों की आय बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं कुछ खाद, बीज भण्डार सरकार को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं इसी तरह का एक मामला विकास खंड कलान के कस्बे का प्रकाश में आया है यहां के रहने वाले गौरव यादव जो कि एक किसान है गौरव यादव अपनी धान की फसल के लिए कस्बा में कुलदीप खाद एवं बीज भण्डार की दुकान पर यूरिया खाद लेने हेतु गया था। किसान गौरव यादव ने दुकान के प्रोप्राइटर प्रदीप शर्मा से यूरिया खाद देने को कहा पहले तो प्रदीप शर्मा ने खाद की किल्लत की कहानी सुनाई और दुकान में खाद न होने की बात कही। जब किसान गौरव यादव ने काफी अनुनय विनय की और खाद न मिलने पर अपनी धान की फसल बर्बाद होने की गुहार लगाई, जब ज्यादा अनुनय विनय की तो दुकान मालिक प्रदीप शर्मा ने कहा कि खाद की किल्लत है और हमें ज्यादा पैसे देकर खाद मिली है तो कुछ पैसे ज्यादा चुकाने होंगे तो मिल जाएगी। हैरान परेशान किसान गौरव यादव ने मजबूरन अधिक रेट पर खाद लेने की हामी भर दी, दुकान मालिक प्रदीप ने 270 वाली यूरिया खाद की बोरी 400 रुपए में किसान गौरव यादव को दी। वहीं किसान गौरव यादव ने खाद की बोरी ले जाकर अपनी धान की फसल में डाली। वहीं किसान गौरव यादव ने बताया कि प्रदीप शर्मा खाद की कालाबाजारी के साथ अपनी दुकान से धड़ल्ले से कीटनाशक दवाओं का भी कारोबार करता है जिसका लाइसेंस दुकानदार प्रदीप शर्मा के पास नहीं है ऐसे में सरकार को तो चूना लगा ही रहा वहीं नकली कीटनाशक दवाओं को बेचकर मोटा मुनाफा भी कमा रहा है। किसान गौरव यादव ने इस पूरे मामले की शिकायत जनपद शाहजहांपुर के तेज तर्रार न्यायप्रिय जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी एवं जिला कृषि अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर किसानों के साथ खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकान मालिक प्रदीप शर्मा पर कार्यवाही कर न्याय की गुहार लगाई है। वहीं एक प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री को जन सुनवाई के माध्यम से डाक द्वारा भी भेजा है। किसान गौरव यादव ने बताया कि अधिकारियों ने सख्त कार्यवाही करने का भरोसा दिया है। अब देखना यह है कि पीड़ित किसान को न्याय दिलाने में जनपद के आलाधिकारियों द्वारा कितनी गंभीरता पूर्वक कार्यवाही होती है या यूं ही किसी डस्टबिन में पड़ी रह जाएगी।

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