“शिमला में कारगिल विजय दिवस: जानिए कौन बने समारोह के मुख्य अतिथि और किन अनोखी घटनाओं ने सबका ध्यान खींचा!”

कारगिल विजय दिवस, जो हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, भारतीय सशस्त्र बलों की कारगिल युद्ध में मिली जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के घुसपैठियों को बाहर निकालकर भारतीय क्षेत्र को पुनः प्राप्त किया था।

शिमला में इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) को विशेष रूप से मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों का आयोजन किया गया, जिनमें निम्नलिखित शामिल थे:

1. शहीदों को श्रद्धांजलि: शिमला में वार मेमोरियल और अन्य स्मारकों पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस कार्यक्रम में सेना के अधिकारी, सैनिकों के परिवार और स्थानीय लोग शामिल हुए।

2. सांस्कृतिक कार्यक्रम: रजत जयंती महोत्सव के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य और संगीत शामिल थे, जो देशभक्ति की भावना को प्रदर्शित करते थे।

3. प्रदर्शनी और सेमिनार: भारतीय सेना द्वारा कारगिल युद्ध से संबंधित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें युद्ध के दौरान उपयोग की गई वस्तुओं, उपकरणों और फोटो की प्रदर्शनी लगाई गई। इसके साथ ही, कारगिल युद्ध के नायकों के अनुभव साझा करने के लिए सेमिनार भी आयोजित किया गया।

4. रैली और परेड: शिमला की सड़कों पर विजय दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष रैली और परेड का आयोजन किया गया, जिसमें सेना के जवानों ने हिस्सा लिया और लोगों को कारगिल युद्ध की महत्ता के बारे में जागरूक किया।

5. विद्यालयों और कॉलेजों में कार्यक्रम: शिमला के विभिन्न विद्यालयों और कॉलेजों में भी इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें देशभक्ति के गीत, नाटक और भाषण प्रतियोगिताएं शामिल थीं।

इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य देशभक्ति की भावना को मजबूत करना और उन बहादुर सैनिकों की वीरता और बलिदान को याद करना था जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।शाम को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। 7:00 बजे तक महोत्सव चलेगा।

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