भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस विवाद के बाद कई चर्चाएं और बहसें तेज़ हो गई हैं। पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने खेल को राजनीति से अलग रखने का आह्वान किया है।
शाहिद अफरीदी ने अपने पोस्ट में लिखा कि वर्तमान में क्रिकेट एक ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां शायद 1970 के दशक के बाद इसे सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अफरीदी के अनुसार, क्रिकेट में अब एकता का समय आ गया है, और इसके लिए जरूरी है कि सभी देश अपने मतभेदों को दरकिनार कर खेल के हित में आगे आएं। उन्होंने कहा कि हम सबको क्रिकेट के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए खेल को एकजुट करने की जरूरत है।
अपने संदेश में अफरीदी ने ओलंपिक खेलों का उदाहरण दिया, जिसमें अक्सर अलग-अलग इतिहास और संघर्षों से गुजर चुके देश एकजुट होकर खेल भावना के साथ भाग लेते हैं। अफरीदी का मानना है कि यदि ओलंपिक भावना में बंटे हुए राष्ट्र एक साथ आ सकते हैं, तो क्रिकेट में भी ऐसा होना चाहिए। उनका सुझाव है कि खेल के प्रबंधकों को अपनी व्यक्तिगत भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए खेल के विकास और उसकी भावना पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि खेल के प्रति दीर्घकालिक सम्मान बना रहे।
अफरीदी ने अपने पोस्ट में यह आशा भी जताई कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारत सहित सभी टीमें पाकिस्तान का दौरा करेंगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मेहमान टीमों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और उन टीमों को यहां की गर्मजोशी और आतिथ्य का भरपूर अनुभव मिलेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि जो भी टीमें पाकिस्तान आएंगी, वे न केवल मैदान पर शानदार खेल का प्रदर्शन करेंगी, बल्कि मैदान से बाहर भी पाकिस्तान की संस्कृति और आतिथ्य से अविस्मरणीय यादें लेकर लौटेंगी।
अफरीदी के इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तेजी से ध्यान आकर्षित किया है, और इसे लेकर भारत-पाकिस्तान के साथ-साथ दुनियाभर में चर्चाएं हो रही हैं। कई खेलप्रेमियों और विशेषज्ञों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोग अफरीदी के विचारों का समर्थन कर रहे हैं और मानते हैं कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए, जबकि अन्य का मानना है कि सुरक्षा और राजनीतिक परिस्थितियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अफरीदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आईसीसी और अन्य क्रिकेट बोर्ड्स इस विवाद को सुलझाने के प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही, शाहिद अफरीदी का यह संदेश दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी तनावपूर्ण संबंधों में सुधार लाने के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।