“कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक भिड़ंत: कौन करेगा 2024 चुनावों में बाजी?”

डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को होने वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह डिबेट न केवल आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए दिशा तय करेगी, बल्कि हैरिस के लिए भी एक सुनहरा मौका होगा कि वह अपनी राजनीतिक विचारधारा और नीतियों को मजबूती से पेश करें। जो बाइडन के उत्तराधिकारी के रूप में उनका नाम सामने आने के बाद उनकी लोकप्रियता में तेजी से इजाफा हुआ है, और इस बहस से उन्हें अपने समर्थकों के बीच और अधिक विश्वास पैदा करने का अवसर मिलेगा।

कमला हैरिस का समर्थन और बाइडन की भूमिका

इससे पहले, पिछले प्रेसिडेंशियल डिबेट में राष्ट्रपति जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने हुए थे। हालांकि, बाइडन का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा, जिससे उन्हें राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होना पड़ा। 21 जुलाई को उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में कमला हैरिस का समर्थन किया था। उनके इस फैसले के बाद से हैरिस की राजनीतिक छवि और लोकप्रियता में लगातार वृद्धि देखी गई है।

कमला हैरिस के साथ उनके रनिंग मेट टिम वाल्ज भी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। डिबेट के बाद, दोनों कई महत्वपूर्ण राज्यों का दौरा करेंगे, ताकि अपने चुनावी एजेंडे को लोगों तक पहुंचा सकें और मतदाताओं का समर्थन हासिल कर सकें।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अब करीब हैं, जो 5 नवंबर को होंगे। इस चुनाव के लिए अब 60 दिनों से भी कम समय बचा है। चुनाव प्रचार के लिए कमला हैरिस ने अपनी रणनीति तय कर ली है। वह गुरुवार को उत्तरी कैरोलिना से अपने चुनावी दौरे की शुरुआत करेंगी, और शुक्रवार को पेंसिल्वेनिया का दौरा करेंगी। वहीं, उनके सहयोगी टिम वाल्ज मिशिगन और विस्कॉन्सिन की यात्रा करेंगे, जो चुनाव के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

ट्रंप की चुनावी रणनीति और धमकी

इस निर्णायक बहस से पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विरोधियों पर तीखे हमले किए हैं और एक कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर एक चेतावनी पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने अपने विरोधियों को जेल भेजने की धमकी दी है। ट्रंप ने आरोप लगाया है कि चुनाव में धांधली और बेईमानी हो रही है, और उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर ऐसा होता है, तो वे दोषियों को बख्शेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कानून तोड़ने वालों, जैसे कि वकीलों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं, दानदाताओं, अवैध मतदाताओं और भ्रष्ट चुनाव अधिकारियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

ट्रंप ने अपने समर्थकों से सतर्क रहने की अपील की है और चुनाव की शुचिता पर फिर से सवाल उठाए हैं। यह उनकी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे वह अपने समर्थकों को चुनावी धांधली के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं और अपने विरोधियों पर दबाव बना रहे हैं।

रूस की प्रतिक्रिया

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों पर न केवल देश के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नजरें टिकी हैं। इसी बीच, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रविवार को अमेरिकी चुनाव अभियान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपति चुनाव अभियान अब एक “नारकीय शो” और “हैलोवीन” में तब्दील हो चुका है। उनका इशारा अमेरिकी चुनावी प्रक्रिया में चल रहे तीखे विवादों और आरोप-प्रत्यारोप की ओर था।

उन्होंने इसे पूरी तरह पागलपन करार दिया और कहा कि जिस तरह से यह चुनावी प्रक्रिया चल रही है, वह न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। उल्लेखनीय है कि पश्चिमी देशों में हैलोवीन त्योहार अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मनाया जाता है, और जखारोवा ने इसका उपयोग अमेरिकी चुनावों की स्थिति की तुलना करने के लिए किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच होने वाली यह डिबेट कई मायनों में महत्वपूर्ण है। कमला हैरिस के लिए यह एक बड़ा मौका है कि वह खुद को एक मजबूत नेता के रूप में पेश कर सकें, जबकि ट्रंप अपने विरोधियों पर कड़ा प्रहार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में, इन दोनों नेताओं के चुनावी दौरे और बहस का असर मतदाताओं पर क्या पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

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