स्काउट-गाइड: विद्यार्थी जीवन की आधारशिला और राष्ट्र निर्माण का सशक्त माध्यम


लेखक: यतेन्द्र कुमार
चेयरमैन/चीफ कमिश्नर – A स्काउट्स/गाइड्स भारत एवं एशिया, स्थायी सदस्य – वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्काउट्स (WFIS)

आज के समय में जब शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित होती जा रही है, ऐसे समय में स्काउट-गाइड्स जैसी गतिविधियाँ विद्यार्थियों को संपूर्ण व्यक्तित्व विकास, नैतिकता, सेवा भाव और नेतृत्व कौशल से जोड़ती हैं। स्काउटिंग केवल एक गतिविधि नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है।

विद्यार्थियों के लिए स्काउटिंग क्यों आवश्यक है?

  1. नैतिक और सामाजिक विकास: स्काउटिंग के माध्यम से विद्यार्थी अनुशासन, ईमानदारी, सेवा भाव और सामाजिक समरसता जैसे मूल्यों को आत्मसात करते हैं।
  2. नेतृत्व क्षमता का विकास: यह मंच छात्रों को नेतृत्व करना, टीम में काम करना और संकट में निर्णय लेना सिखाता है।
  3. स्वावलंबन की भावना: स्काउटिंग विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाती है – चाहे वह जंगल में जीवन जीने की कला हो या जीवन की चुनौतियों का सामना करना।
  4. सामाजिक उत्तरदायित्व: स्काउट/गाइड्स समाज सेवा, पर्यावरण रक्षा, स्वच्छता अभियान, रक्तदान और आपदा राहत जैसे कार्यों में अग्रणी रहते हैं।
  5. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: स्काउटिंग में व्यायाम, खेल, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और योग जैसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को स्वस्थ और संतुलित जीवन के लिए प्रेरित करते हैं।

सरकार को स्काउटिंग से क्या लाभ?

  1. राष्ट्र निर्माण में सहयोग: स्काउट्स देशभक्ति और राष्ट्रसेवा की भावना से परिपूर्ण नागरिक बनते हैं, जो देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
  2. राष्ट्रीय कार्यक्रमों का प्रचार: स्काउट्स स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों में सरकार का सक्रिय सहयोग करते हैं।
  3. आपदा प्रबंधन में सहायक: स्काउट्स बाढ़, भूकंप या महामारी जैसे आपदाओं में राहत और जागरूकता में सरकार का हाथ बंटाते हैं।
  4. रोजगारोन्मुखी कौशल विकास: स्काउटिंग में जो प्रशिक्षण दिया जाता है, वह विद्यार्थियों को भविष्य के लिए सक्षम और उद्योगों के योग्य बनाता है।

समाज को स्काउटिंग से क्या लाभ?

  1. जागरूक नागरिकों की पीढ़ी: स्काउटिंग से जुड़े युवा समाज की समस्याओं को समझते और उसका समाधान खोजते हैं।
  2. नशामुक्ति और अपराध में कमी: स्काउट्स की सक्रिय भूमिका युवाओं को गलत रास्तों से दूर रखती है।
  3. स्वच्छ और जागरूक समाज का निर्माण: स्काउट्स अपने आस-पास स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा की चेतना फैलाते हैं।
  4. महिला सशक्तिकरण: स्काउटिंग के माध्यम से बालिकाओं को आत्मरक्षा, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व का प्रशिक्षण मिलता है।

निष्कर्ष:

A स्काउट्स/गाइड्स भारत आज देश के लाखों विद्यालयों और छात्रों के साथ मिलकर एक ऐसा राष्ट्र बनाने में जुटा है, जहाँ शिक्षा केवल ज्ञान नहीं बल्कि चरित्र, नेतृत्व और सेवा भाव का विकास भी करे। मेरा मानना है कि स्काउटिंग को भारत के हर विद्यार्थी का अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिए, जिससे हम एक सशक्त, आत्मनिर्भर और नैतिक राष्ट्र की कल्पना को साकार कर सकें।

“एक अच्छा स्काउट, एक अच्छा नागरिक और एक बेहतर इंसान बनता है।”

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