ईरान ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योआव गैलेंट, और शिन बेट (इजरायली सुरक्षा सेवा) के प्रमुख रोनेन बार समेत अन्य शीर्ष नेताओं की हत्या की साजिश रची थी। इस षड्यंत्र का उद्देश्य इजरायल में उथल-पुथल मचाना और आतंकवादी हमलों को अंजाम देना था। हालांकि, इजरायली सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से यह साजिश विफल हो गई। गुरुवार को इजरायली सुरक्षा सेवाओं ने इस षड्यंत्र में शामिल एक इजरायली नागरिक की गिरफ्तारी की पुष्टि की, जिसने ईरानी अधिकारियों के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम देने की कोशिश की थी।
साजिश का खुलासा:
इस व्यक्ति पर शक है कि वह लंबे समय से ईरान के संपर्क में था और गुप्त रूप से दो बार तेहरान की यात्रा कर चुका था। उसकी गिरफ्तारी के बाद इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेट और पुलिस ने एक संयुक्त बयान में बताया कि यह साजिश न केवल नेतन्याहू और गैलेंट की हत्या तक सीमित थी, बल्कि इसमें बड़े पैमाने पर आतंकी हमले करने की भी योजना थी। इस साजिश का पर्दाफाश तब हुआ जब इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई की और जांच के दौरान इस बड़े षड्यंत्र का पता चला।
गिरफ्तार नागरिक और उसकी गतिविधियाँ:
गिरफ्तार किया गया व्यक्ति इजरायल का नागरिक है, जिसने ईरानी अधिकारियों से मिलने के लिए दो बार गुप्त यात्राएं कीं। इन यात्राओं का उद्देश्य इजरायली नेताओं की हत्या की साजिश को अंतिम रूप देना था। पहली यात्रा के दौरान, वह तुर्किये के रास्ते ईरान पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात ईरान के एक धनी व्यवसायी और अन्य अधिकारियों से हुई। इस बैठक में एक ईरानी सुरक्षा अधिकारी भी मौजूद था।
ईरान ने उसे इजरायल में हथियार पहुंचाने, संवेदनशील भीड़-भाड़ वाले इलाकों की तस्वीरें लेने और उन इजरायली नागरिकों को धमकाने का काम सौंपा, जो ईरान के प्रति निष्ठावान नहीं थे। इसके बाद, यह इजरायली नागरिक वापस अपने देश लौटा, लेकिन कुछ समय बाद, वह एक बार फिर गुप्त तरीके से ट्रक के जरिए ईरान गया। उसकी दूसरी यात्रा का उद्देश्य और भी गंभीर था।
नेतन्याहू और अन्य नेताओं की हत्या की योजना:
दूसरी मुलाकात के दौरान, ईरानी अधिकारियों ने इजरायली नागरिक से सीधे तौर पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योआव गैलेंट, या शिन बेट प्रमुख रोनेन बार की हत्या करने की पेशकश की। यह प्रस्ताव साजिश के गंभीर स्तर को दर्शाता है, जो ईरान के इरादों को स्पष्ट करता है।
हालांकि, इजरायली नागरिक ने इस जोखिम भरे काम के बदले एक मिलियन डॉलर की मांग की। लेकिन ईरान ने इस मांग को ठुकरा दिया। इसके बजाय, ईरानी अधिकारियों ने उसे आश्वासन दिया कि वे भविष्य में संपर्क में रहेंगे और उसे इस काम के लिए 5,000 यूरो का भुगतान करने का वादा किया। यह बातचीत इजरायल के खिलाफ ईरान के आक्रामक इरादों को और भी स्पष्ट करती है।
ईरान का आतंकी नेटवर्क:
इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने यह भी खुलासा किया कि ईरान लंबे समय से इजरायल में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए लोगों की भर्ती करने की कोशिश कर रहा है। खासकर उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जो आपराधिक पृष्ठभूमि से आते हैं। ईरान का मकसद इजरायल की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करना और इसके नेताओं को निशाना बनाना है, ताकि देश में अस्थिरता फैलाई जा सके।
साजिश के व्यापक असर:
इस साजिश का खुलासा इजरायल और ईरान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों की पुष्टि करता है। इजरायल और ईरान लंबे समय से एक-दूसरे के खिलाफ सक्रिय हैं, लेकिन इस बार ईरान ने सीधे इजरायली नेताओं को निशाना बनाकर अपने इरादों को और स्पष्ट कर दिया है।
ईरान की यह साजिश केवल नेतन्याहू और अन्य नेताओं की हत्या तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमले कराना था। इजरायली सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने इस योजना को विफल कर दिया, लेकिन यह घटना दिखाती है कि ईरान अपने दुश्मनों के खिलाफ किस हद तक जा सकता है।
गिरफ्तारी और आगे की जांच:
इस मामले में गिरफ्तार किए गए इजरायली नागरिक से अब भी गहन पूछताछ चल रही है। यह गिरफ्तारी पिछले महीने की गई थी, लेकिन अब जाकर इसका खुलासा किया गया है। इजरायली पुलिस और शिन बेट की संयुक्त जांच जारी है और इससे जुड़े अन्य लोगों को भी पकड़ने की कोशिश की जा रही है।
इस साजिश से यह स्पष्ट होता है कि ईरान इजरायल के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इजरायली नागरिकों को भी इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाता।
इजरायल की सुरक्षा एजेंसियों ने इस साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया, जिससे इजरायल में एक बड़े आतंकवादी हमले को टाला जा सका। नेतन्याहू, गैलेंट, और अन्य नेताओं की हत्या का षड्यंत्र विफल हो गया, लेकिन इस घटना ने इजरायल की सुरक्षा पर नए सिरे से सवाल खड़े किए हैं।