सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के उपायों के संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यातायात) की अध्यक्षता में वर्चुअल समीक्षा बैठक संपन्न

न्यूज़लाइन नेटवर्क, स्टेट ब्यूरो
नया रायपुर :
सड़क दुर्घटनाओं के कारणों के समुचित विश्लेषण तथा आवश्यक सुधार कार्यो हेतु इंटीग्रेटेड रोड़ एक्सीडेंट डाटाबेस (iRAD) में सड़क दुर्घटनाओं की शत प्रतिशत प्रविष्टियां अंकित करने तथा हिट एण्ड रन के क्षतिपूर्ति प्रकरणों को निर्धारित समयावधि में दावा प्राधिकरण को प्रेषित कर प्रभावितों को यथाशीघ्र राहत हेतु पहल सहित सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के उपायों के संबंध में प्रदीप गुप्ता भा.पु.से. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यातायात) की अध्यक्षता में वर्चुअल समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में ए.आई.जी. टैफिक संजय शर्मा सहित प्रदेश में यातायात के समस्त अति.पुलिस अधीक्षक/उप पुलिस अधीक्षक, प्रभारी यातायात गण/पर्यवेक्षण अधिकारी सम्मिलित हुए।
सहायक पुलिस महानिरीक्षक (यातायात) संजय शर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश के सभी जिलों में 2024 (जनवरी से अगस्त तक) प्रतिवेदित सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर इंटीग्रेटेड रोड़ एक्सीडेंट डाटाबेस (iRAD App) में लंबित प्रविष्टियां को यथाशीघ्र पूर्ण करने, मृत्युकारित सड़क दुर्घटना/हादसों के कारणों की समीक्षा पर 42.95 % मृत्युकारित सड़क दुर्घटनाएं दोपहर 15.00 से रात्रि 21.00 बजे के मध्य हुई है। इस अवधि में पैदल यात्री -15.48% , सायकल सवार -2.73%, मोटर सायकल -69.63%, कार सवार 2.95%, हल्के सवारी वाहन – 0.83%, मालवाहक – 2.18%, बस, – 0.73% टेक्टर -3.43%, ट्रक/ट्रेलर -2.04% सहित सर्वाधिक 69.63 % मृत्यु मोटर सायकल चालक/सवार की हुई है। पुलिस थानों में संधारित अभिलेखों के आधार पर सर्वाधिक 84.06 % मृत्युकारित सड़क दुर्घटनाएं तेजगति के कारण 64.97% तथा हिट एण्ड रन से 19.08% लापरवाही पूर्वक वाहन चालन- 11.91% गलत दिशा वाहन चालन- 0.49%, शेष विविध कारणों से हुई है।

उक्त अवधि में सर्वाधिक 1413 सड़क दुर्घटना रायपुर जिले में हुई है इसी प्रकार अन्य पॉच सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाओं के जिलो में बिलासपुर में 905, दुर्ग में 844, कोरबा में 546, रायगढ़ में 474 और बलौदाबाजार में 408 सड़क दुर्घटनाए पंजीबद्ध हुई है। गतवर्ष की तुलना में आलोच्य अवधि में जिला महासमंुद में 7.21%, गरियाबंद में 11.70%, राजनांदगांव 1.38%, सूरजपुर 4.89%, कांकेर 5.10%, सुकमा 41%, बीजापुर 10.23% सारंगढ बिलाईगढ़ 10.56% एवं जिला सक्ती में 19.42% दुर्घटना में कमी हुई है।

आलोच्य अवधि में मृत्युदर में सर्वाधिक वृद्धि नारायणपुर में 33.33%, सरगुजा में 32.37%, जशपुर 27.78%, मुंगेली 27.14%, बेमेतरा 25.66%, कबीरधाम 25.26%, मोहला मानुपर अंबागढ़ चौकी में 21.15%, बालोद 19.67%, खैरागढ़ छुईखदान गंडई 19.23%, रायगढ़ 17.94%, बीजापुर 14.89%, कोरबा 12.18%, दुर्ग 9.95%, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही 9.62%, रायपुर 7.78%, बलरामपुर 7.14%, सांरगढ़ बिलाईगढ़ 6.85%, गरियाबंद 5.26%, जांजगीर चांपा 5.07%, कोरिया 3.85%, धमतरी 3.13% की वृद्धि हुई है। जिला सुकमा 40.48%, कांकेर 23.35%, सूरजपुर 15.89% , बिलासपुर 14.23%, महासमुंद 13.59%, बलौदाबाजार में 8.87%, जगदलपुर 8.64%, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर 6.25%, दंतेवाड़ा 5.17%, सक्ती 4.94%, कोण्डागांव 4.72%, राजनांदगांव 2.31%, मृत्युदर में कमी हुई है, तथापि अन्य जिलों के साथ राज्य में इस वर्ष माह (जनवरी से अगस्त 2024) 9924 सड़क दुर्घटनाओं में 4507 व्यक्तियों की मृत्यु एवं 8497 व्यक्ति घायल हुए है। गतवर्ष की आलोच्य अवधि में घटित 9279 सड़क दुर्घटनाओं में 4323 व्यक्तियों की मृत्यु एवं 8170 घायलों की संख्या के आधार तुलनात्मक रूप से इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 6.95%, मृत्यु में 4.26% एवं घायलों की संख्या में 04% की वृद्धि चिंताजनक है।
मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत इस अवधि में यातायात नियमों के उल्लघनकर्ता वाहन चालकों के विरूद्ध 3,85,738 प्रकरणों में राशि 17,75,28,158 रू. वसूल किये गये है। सर्वाधिक जिला रायपुर (5,83,91,050), बिलासपुर (2,79,76,900), दुर्ग (1,23,87,700), सरगुजा (98,92,000), जांजगीर चांपा (61,79,920)।

बैठक में निर्देशित किया गया कि मालवाहक वाहनों में यात्री परिवहन, ओव्हर स्पीडिंग, सड़को में खड़े वाहनों से होने वाली दुर्घटना सहित, सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मृत्यु दोपहिया वाहन चालको की परिलक्षित हुई है, नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों को निरूत्साहित किया जाकर प्रभावी समझाईश के साथ नियमित प्रवर्तन से जीवन रक्षा के प्रयास किये जाय। दुर्घटनाजन्य सड़क खण्डों में प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही हेतु लक्ष्य निर्धारण कर कार्ययोजना तैयार कर कार्यवाही सुनिश्चित करें। हिट एण्ड रन के प्रकरणों के प्रभावितों के दावा प्रकरण हेतु आवश्यक जानकारी संकलित कर यथाशीघ्र प्रेषित करें। यथासमय शत-प्रतिशत प्रविष्टियां की जावे। पुलिस मुख्यालय से प्रदत्त सुरक्षा सामग्रियों विशेषकर इटरसेप्टर एवं बॉडी वार्न कैमरा का सतत् उपयोग सुनिश्चित किया जावे।

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