बैंकर्स ऋण-जमानुपात की प्रगति सुधारें, स्वीकृत पत्रावलियों पर तत्काल करें ऋण वितरण -जिलाधिकारी

मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ, मैनपुरी :

बैंकर्स मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद-एक उत्पाद, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा आदि लाभार्थीपरक योजना में संबंन्धित विभागों द्वारा प्रेषित की गई पत्रावलियों को प्राथमिकता पर स्वीकृत कर ऋण वितरण करे, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत भेजी गई पत्रावलियों पर सी.सी.एल. का लाभ मिले ताकि समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत, स्वावलंबी बन सकें। इण्डियन बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, स्टेट बैंक की ऋण जमानुपात की स्थिति निराशाजनक है. जिससे प्रतीत होता है कि उक्त बैंक धनराशि जमा करने में रुचि ले रहे हैं, लेकिन ऋण वितरण में लापरवाही बरती जा रही है. संबंधित शाखा प्रबंधक ऋण-जमानुपात की स्थिति सुधारने के लिए तत्काल प्रभावी कार्यवाही करें।

उक्त निर्देश जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला स्तरीय समीक्षा समिति, बैंकर्स की बैठक के दौरान देते हुये बैठक से अनुपस्थित पंजाब नेशनल बैंक, एक्सिस बैंक के शाखा प्रबन्धकों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र लिखा जाये। उन्होने असंतोष व्यक्त करते हुये कहा कि प्रत्येक बैंक का ऋण-जमानुपात 60 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए लेकिन इण्डियन बैंक का सीडी रेशियो मात्र 24.13 प्रतिशत, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का सीठी रेशियो मात्र 40.02 प्रतिशत तथा स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया का ऋण-जमानुपात मात्र 43.19 है. सम्बन्धित शाखा प्रबन्धक माह के अंत तक सीडी रेशियो सुधारे। उन्होने बैंकर्स से कहा कि जनहित में कार्य करें शासन की जन-कल्याणकारी, लाभार्थीपरक योजनाओं में प्राथमिकता पर ऋण उपलब्ध कराए ऋण वितरण में बैंकर्स विलंब न करें, स्वीकृत पत्रावलियों पर तत्काल ऋण वितरण किया जाए, बैंकर्स अपने यहां अकारण पत्रावलियों को लंबित न रखें यदि ऋण स्वीकृत न स्वीकृत न हो सके तो आख्या अंकित कर पत्रावली संबंधित विभाग को वापस भेजी जाए।

श्री सिंह ने समीक्षा के दौरान पाया कि प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम में अभी तक लक्ष्य शासन स्तर से प्राप्त नहीं हुआ है, जिस पर उन्होंने उपायुक्त उद्योग को आदेशित करते हुये कहा कि पात्रता के आधार पर प्राप्त सभी आवेदन पत्रों को गत वर्ष के लक्ष्य को निर्धारित करते हुये बैंकों को प्रेषित करें, बैंकर्स पत्रावलियों को स्वीकृत कर ऋण वितरण करें, लक्ष्य शासन स्तर से जल्द ही प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के वार्षिक लक्ष्य 51 के सापेक्ष 54 पत्रावलियां प्रेषित की गयी, जिसमें से 21 स्वीकृत कर 15 पर ऋण वितरण किया गया, जबकि 24 पत्रावलियां स्वीकृत हेतु लंबित हैं. 06 पत्रावलियां बैंकों द्वारा वापस की गयीं है. मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत वार्षिक लक्ष्य 50 के सापेक्ष 147 पत्रावलियां बैंकों को प्रेषित की गयीं, जिसमें से 74 पत्रावलियां स्वीकृत कर 20 पर ऋण वितरण किया गया। मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु ने बैंकर्स से कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका

मिशन में सी.सी.एल. की प्रगति ठीक नहीं है. सी.एम. डैशबोर्ड पर जनपद ई श्रेणी में चल रहा है। उन्होने उपायुक्त एन.आर.एल.एम. से कहा कि सहायक पंचायत अधिकारी एस.आई.बी. बी.एम.एम. अपने-अपने क्षेत्र की बैंक शाखाओं से सम्पर्क कर प्रेषित आवेदन पत्रों पर सी.सी.एल. कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि बैंकर्स की हीला-हवाली के कारण समूह की महिलाओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि योजना महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने के लिए संचालित हैं, आर्यावर्त बैंक में 145. एच.डी.एफ.सी. बैंक में 72. भारतीय स्टेट बैंक में 51. बैंक ऑफ बडौदा में 40. बैंक ऑफ इण्डिया में 39 पत्रावलियां सी.सी.एल. हेतु शेष हैं। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की समीक्षा करने पर पाया कि व्यवसायिक बैंक द्वारा नवीनीकरण लक्ष्य 70725 के सापेक्ष 6852, नये के.सी.सी. के लक्ष्य 30687 के सापेक्ष 7922 एवं

सहकारी बैंक द्वारा नवीनीकरण लक्ष्य 4109 के सापेक्ष 5313, नये के.सी.सी. के लक्ष्य 3086 के सापेक्ष 287 किसान क्रेडिट कार्ड बनाये गये हैं।

बैठक में उपायुक्त एन.आर.एल.एम. शौकत अली, नाबार्ड से मितेश यादव, आर.बी. आई. से श्रवण कुमार, उपायुक्त उद्योग उत्कर्ष चन्द, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी पवन यादव, जिला रोजगार सहायता अधिकारी विकास मिश्रा सहित विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबन्धक आदि उपस्थित रहे, बैठक का संचालन जिला अग्रणी प्रबन्धक रामचन्द्र साहा ने किया।

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