“शिक्षा में महंगाई का चौंकाने वाला खुलासा: जानिए कैसे आसमान छू रही हैं स्कूल की फीस!”

महंगाई ने समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया है, और हर परिवार इससे जूझ रहा है। बढ़ती कीमतों और स्थिर वेतन के बीच आर्थिक बोझ ने जीवन को मुश्किल बना दिया है। हालांकि, शिक्षा क्षेत्र पर महंगाई के प्रभाव की बात अक्सर चर्चा से बाहर रह जाती है। इस क्षेत्र में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है। हाल ही में, बेंगलुरु के एक निवेशक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से इस मुद्दे को उजागर किया, जिसे लेकर इंटरनेट पर काफी चर्चा हो रही है।

शिक्षा में बढ़ती महंगाई पर सोशल मीडिया पर पोस्ट

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अविरल भटनागर नाम के एक व्यक्ति ने शिक्षा क्षेत्र में बढ़ती महंगाई पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि शिक्षा पर महंगाई का प्रभाव मकानों और रियल एस्टेट की तुलना में अधिक है। उन्होंने हैदराबाद का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां एलकेजी की फीस, जो पहले 2.3 लाख रुपये थी, अब बढ़कर 3.7 लाख रुपये हो गई है। यह बढ़ोतरी सालाना फीस में हुई है, और यह बदलाव चिंताजनक है।

भटनागर ने अपने पोस्ट में इस बात पर जोर दिया कि जहां लोग मकानों की कीमतों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं असली महंगाई शिक्षा में हो रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 30 वर्षों में स्कूल की फीस में 9 गुना और कॉलेज की फीस में 20 गुना तक की वृद्धि हुई है। उनके अनुसार, शिक्षा अब पहले जैसी सस्ती नहीं रही है, और इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं और वित्त मंत्री को टैग

अविरल भटनागर की पोस्ट वायरल हो गई और सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा का विषय बन गई। कई यूजर्स ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई। एक यूजर ने लिखा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कीमतों पर नियंत्रण किए बिना ही उनकी कीमतें बढ़ा रही है।

एक अन्य यूजर ने लिखा कि यह समस्या अब नियंत्रण से बाहर हो गई है और इस पर किसी का ध्यान नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा की बढ़ती कीमतें एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं। एक यूजर ने भारत की वित्त मंत्री को टैग करते हुए लिखा कि यदि आप मध्यम वर्गीय परिवारों को खुश रखना चाहती हैं, तो इस समस्या का समाधान खोजने की दिशा में कुछ करें।

महंगाई का असर सिर्फ रोजमर्रा की चीजों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शिक्षा क्षेत्र में भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। हैदराबाद जैसे शहरों में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा की फीस में भारी वृद्धि इसका स्पष्ट प्रमाण है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाने से यह साफ हो गया है कि शिक्षा में महंगाई एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए क्या उपाय करती है।

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