रिपोर्टर अक्षय कुमार प्रजापति ब्यूरो चीफ कन्नौज
कन्नौज :
पूरे जनपद में गौशालाओं की हालत खराब, गायों को नहीं दिया जा रहा है पूरा आहार जिस कारण जनपद के सभी गौशालाओं में गायों की दैनिऐ दशा बनी हुई है प्रधान व सचिव मिलकर मिलकर पैसों का कर रहे हैं बंदरबॉट और हो रहे है माला माल |
प्राप्त विवरण के अनुसार, ग्राम सभा कलशान गांव लेलेपुर मे संचालित गौशाला में 262 गाय वर्तमान समय में है जिसकी देखरेख के लिए प्रधान जनवेद सिंह यादव ने चार कर्मचारियों को गौ सेवा के लिए लगाया जिसमें कुलदीप, राजकुमार, सतीश, विजय पाल को रखा गया लेकिन कर्मचारियों द्वारा गौशाला की व्यवस्था ठीक नजर नहीं आ रही है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण गौशाला में देखा जा सकता है | लेले पुर गांव की गौशाला में लगभग सभी गाय वहुत ही जादा कमजोर नजर आ रही है | आज हमारे संवाददाता ने जब मौके पर जाकर देखा तो वहां पर चारा कहीं भी नजर नहीं आ रहा था चारे के नाम पर गायों को सुखा मकेयर काट कर डाला गया था दाना के नाम पर वहां नादो में कुछ भी नहीं नजर आ रहा था भूख प्यास से गौशाला में गाय इधर-उधर तड़पती हुई नजर आ रही थी |
इसी प्रकार कल ग्राम सभा रोहली में जब हमारी न्यूज़ लाईन नेटवर्क की टीम ने मौके पर गौशाला को देखा तो वहां पर पूरी गौशाला में कीचड़ ही कीचड़ भरा था अंदर जाने का रास्ता भी नहीं था जिसमें गाय सही से बैठ भी नहीं सकती थी | कुछ गाय तो नादो में बैठी हुई थी और भूख प्यास से तड़प रही थी | पीछे गौशाला में देखा तो एक गाय दलदल में मरी हुई पड़ी थी जब हमारी टीम ने पीछे का गेट खोलने को कहा तो वहां के कर्मचारियों ने कहा कि पीछे के गेट से क्या मतलब है आप लोग यहीं से देख ले जिस पर हमारी टीम ने पीछे का गेट जबरदस्ती खुलवाया और देखा कि एक गाय कीचड़ में मृत्यु पड़ी है और वह आधी कीचड़ में दबी हुई थी |
इसी क्रम में ग्राम सभा मुसाफिरपुर की गौशाला जोकि ग्राम हाजिरपुर मे बनी हुई है वहां भी गायों को पूर्ण आहार न मिलने के कारण वहा की भी गाय खुद से नहीं उठ पा रही थी जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण गौशाला में देखा जा सकता है इससे साफ जाहिर होता है की जनपद की सभी गौशालाओं में व्यवस्था ठीक नजर नहीं आ रही है और वहीं कर्मचारियों ने अपना रोना भी बताया कही कर्मचारियों को 3 महीने से वेतन नहीं मिला तो कहीं 2 महीने से वेतन नहीं मिला और कर्मचारियों ने बताया कि वेतन के नाम पर सचिव व प्रधान तीन-तीन महीने गुजर जाते हैं लेकिन वेतन की व्यवस्था नहीं करते हैं जिस कारण हम लोंग काफ़ी परेशान है | और देखा जाए तो जनपद की किसी भी गौशाला में गायों की व्यवस्था ठीक नजर नहीं आ रही है और गायों के नाम पर आया हुआ पैसा प्रधान व सचिव मिलकर बंदर बांट करते हैं और प्रदेश सरकार के आदेश का पूरा उल्लंघन किया जा रहा है | और इस तरफ जिले के उच्च कर्मचारी कोई भी ध्यान नहीं दे रहे हैं अगर उच्च कर्मचारी इस पर ध्यान दें तो शायद गौशालाओं की व्यवस्थाओं में बदलाव नजर आऐ | अब देखना यह है की जनपद के उच्च अधिकारी गौशालाओं पर क्या कार्रवाई करते हैं और गौशालाओं की व्यवस्था पटरी पर ला सकते हैं या नहीं |