कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर का मामला अब एक महीने से ज्यादा पुराना हो चुका है, लेकिन यह केस अभी भी रहस्य से भरा हुआ है। इस घटना की गुत्थी सुलझने के बजाय दिन-ब-दिन और उलझती जा रही है। घटना के तुरंत बाद कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इस भयानक अपराध के आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद, जब इस केस को सीबीआई को सौंपा गया, तो जांच एजेंसी ने आरोपी संजय रॉय से पूछताछ की, जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताया।
सीबीआई की जांच और पॉलीग्राफ टेस्ट
सीबीआई इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। इसी सिलसिले में हाल ही में आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया गया। यह टेस्ट इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे यह जानने की कोशिश की गई कि संजय रॉय सच बोल रहा है या नहीं। लेकिन संजय के पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान दिए गए जवाबों ने पूरे मामले को और भी ज्यादा उलझा दिया है।
घटनास्थल पर मौजूदगी और संजय के विरोधाभासी बयान
सीबीआई की जांच में पाया गया कि घटनास्थल पर संजय की मौजूदगी के ठोस सबूत मिले हैं। इतना ही नहीं, पहले पुलिस के सामने उसने अपराध भी कबूल किया था। लेकिन जब सीबीआई ने उसे पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए बुलाया, तो उसने कुछ अलग ही जवाब दिए। इन विरोधाभासी बयानों ने जांच को और जटिल बना दिया है।
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान पूछे गए सवाल
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान संजय रॉय से कई सवाल पूछे गए। पहले सामान्य सवालों से शुरुआत की गई, जैसे उसका नाम, निवास स्थान, और उसकी पसंद-नापसंद के बारे में। जब उसने इन सवालों का जवाब देना शुरू किया, तो धीरे-धीरे उससे गंभीर सवाल पूछे गए। इन सवालों के जवाब आमतौर पर ‘हां’ या ‘ना’ में लिए जाते हैं, ताकि उसकी प्रतिक्रिया को मापा जा सके।
- सवाल 1: क्या आपने किसी का रेप किया?
- जवाब: नहीं
- सवाल 2: क्या आप अस्पताल के सेमिनार हॉल गए थे?
- जवाब: हां, मैं वहां गया था
- सवाल 3: आप वहां क्यों गए थे?
- जवाब: मैं वहां काम के लिए गया था
- सवाल 4: क्या वहां कोई और मौजूद था?
- जवाब: तीसरी मंजिल पर कोई नहीं था
- सवाल 5: क्या आपने पीड़िता का नाक-मुंह दबाया था?
- जवाब: हां, मैंने ऐसा किया था
- सवाल 6: क्या उस वक्त कोई और आपके साथ था?
- जवाब: नहीं, उस समय मैं अकेला था
- सवाल 7: सच-सच बताओ, क्या आपने रेप किया था?
- जवाब: नहीं
पॉलीग्राफ टेस्ट के परिणाम और जांच की दिशा
पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद सीबीआई के सामने कई नए और जटिल सवाल खड़े हो गए हैं। संजय रॉय का कहना है कि उसने हत्या की, लेकिन रेप नहीं किया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उसे किसी और ने इस अपराध को अंजाम देने के लिए भेजा था? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि फॉरेंसिक सबूत स्पष्ट रूप से इस बात की पुष्टि करते हैं कि संजय ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। लेकिन, जब उसने पॉलीग्राफ टेस्ट में रेप करने से इनकार किया, तो मामले की गुत्थी और उलझ गई।
सीबीआई की आगे की जांच और चुनौतियां
इस केस की जांच के दौरान, सीबीआई ने अब तक सात पॉलीग्राफ टेस्ट करवाए हैं, लेकिन मुख्य आरोपी संजय रॉय के अलावा किसी और की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि, आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े एक अन्य भ्रष्टाचार मामले में संदीप घोष समेत तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे सीबीआई को ऐसा लग रहा है कि इस पॉलीग्राफ टेस्ट से जांच की दिशा साफ होने के बजाय और उलझ गई है। अब सीबीआई के सामने यह चुनौती है कि वह इस उलझन को सुलझाए और सच्चाई को उजागर करे।
निष्कर्ष
कोलकाता का यह रेप-मर्डर केस अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है। आरोपी संजय रॉय के विरोधाभासी बयानों और फॉरेंसिक सबूतों के बीच सीबीआई की जांच बेहद मुश्किल हो गई है। इस मामले की गहराई में जाकर सच तक पहुंचना अब सीबीआई के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। आगे की जांच में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सीबीआई किस तरह से इन जटिलताओं को सुलझाती है और पीड़िता को न्याय दिलाने में सफल होती है।