30 की उम्र के बाद लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल कर सकता है आपकी मर्दानगी खत्म, जानें चौंकाने वाले सच!

चाहे बात काम की हो या ज़रूरी गैजेट्स की, लैपटॉप अब ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। हम इसका इस्तेमाल रोज़मर्रा के कई कामों में करते हैं, जैसे ऑफिस के काम, पढ़ाई या मनोरंजन। यह हमारी ज़रूरतों को बेहद आसानी से पूरा कर देता है, लेकिन क्या आपको पता है कि इसका अत्यधिक उपयोग आपकी मर्दानगी पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है? खासकर उन पुरुषों के लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है, जिनकी उम्र 30 साल के आसपास या उससे अधिक है, क्योंकि लगातार लैपटॉप का इस्तेमाल उनकी प्रजनन क्षमता (fertility) पर बुरा असर डाल सकता है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि यह कैसे संभव है और इससे बचने के क्या उपाय हैं।

लैपटॉप का इस्तेमाल: मर्दानगी पर पड़ने वाला प्रभाव

आधुनिक जीवनशैली में टेक्नोलॉजी इतनी ज़्यादा घुल-मिल गई है कि लोगों के लिए मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे गैजेट्स के बिना ज़िंदगी की कल्पना करना मुश्किल हो गया है। कुछ लोग तो अपने पार्टनर से दूर रह सकते हैं, लेकिन इन गैजेट्स से दूरी बर्दाश्त नहीं कर सकते। यही कारण है कि लंबे समय तक लैपटॉप का उपयोग, खासकर उसे गोद में रखकर, पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

एक हालिया स्टडी से यह पता चला है कि अत्यधिक समय तक लैपटॉप का उपयोग करने से पुरुषों की फर्टिलिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डेम हेल्थ की डॉ. रूबी यादव और डाइटिशियन कंसल्टेंट एवं डायबिटीज एजुकेटर कनिका मल्होत्रा ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी है और इस समस्या से बचने के उपाय भी सुझाए हैं।

लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड

डॉ. रूबी यादव के अनुसार, अगर आप लगातार लैपटॉप का उपयोग कर रहे हैं और उसे गोद में रखकर इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपकी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है। लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF) से पुरुषों के अंडकोष के आसपास का तापमान बढ़ सकता है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता में कमी आ सकती है।

2024 में किए गए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया कि लैपटॉप और स्मार्टफोन से उत्पन्न होने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF) इनफर्टिलिटी यानी बांझपन का खतरा बढ़ा सकती है। लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी से शरीर के तापमान में अचानक वृद्धि होती है, जिसे ‘हाइपरथर्मिया’ कहा जाता है। इस बढ़ते तापमान और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (oxidative stress) के कारण डीएनए को नुकसान हो सकता है, जिससे स्पर्म की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है।

स्पर्म काउंट और मोबिलिटी पर असर

कनिका मल्होत्रा के अनुसार, जब आप लैपटॉप को गोद में रखकर काम करते हैं, तो अंडकोष का तापमान बढ़ने का खतरा रहता है। स्पर्म के उत्पादन के लिए आवश्यक तापमान शरीर के सामान्य तापमान से थोड़ा कम होता है। लैपटॉप से उत्पन्न गर्मी अंडकोष के आसपास के हिस्सों के तापमान को बढ़ा देती है, जिससे स्पर्म काउंट और उनकी गतिशीलता (mobility) पर बुरा असर पड़ सकता है। इसका सीधा असर पुरुषों की फर्टिलिटी पर पड़ता है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है।

इनफर्टिलिटी का बढ़ता खतरा

स्वास्थ्य रिपोर्ट्स के अनुसार, इनफर्टिलिटी का मुद्दा आजकल तेजी से बढ़ता जा रहा है। लगभग 15 से 20 प्रतिशत युवा कपल्स गर्भधारण में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, साल 2005 में किए गए एक अध्ययन में स्पर्म प्रोडक्शन में गिरावट देखी गई थी। इसका सबसे बड़ा कारण इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे लैपटॉप और स्मार्टफोन पर अत्यधिक निर्भरता पाया गया।

लैपटॉप और अन्य गैजेट्स से उत्पन्न होने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें और गर्मी, स्पर्म की गुणवत्ता और उनके उत्पादन पर बुरा असर डालती हैं। यदि समय रहते इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया तो यह स्थिति और बिगड़ सकती है।

इनफर्टिलिटी से बचने के उपाय

खासतौर पर 30 साल के आसपास या उससे ज्यादा उम्र के पुरुष, जो परिवार शुरू करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें लैपटॉप को गोद में रखकर लंबे समय तक इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इससे उनकी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है, जो कि उनकी फैमिली प्लानिंग को प्रभावित कर सकता है।

डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर आपको लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करना जरूरी है, तो लैपटॉप के नीचे एक कूलिंग पैड का इस्तेमाल करें या फिर लैपटॉप को टेबल पर रखकर काम करें। इसके अलावा, लगातार काम करने के बजाय बीच-बीच में ब्रेक लें ताकि शरीर को आराम मिल सके और तनाव कम हो।

डॉ. यादव और कनिका मल्होत्रा दोनों ही इस बात पर जोर देती हैं कि आधुनिक तकनीक से उत्पन्न हो रही प्रजनन क्षमता की समस्याओं को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है। साथ ही, इससे बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि आप इन एहतियात भरे कदमों को फॉलो करेंगे, तो लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।

आधुनिक जीवनशैली में टेक्नोलॉजी का अत्यधिक उपयोग न केवल हमारे कामकाज को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है। पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर इसका नकारात्मक प्रभाव बेहद चिंताजनक है, खासकर उन लोगों के लिए जो फैमिली प्लानिंग की ओर बढ़ रहे हैं। लैपटॉप और स्मार्टफोन का सही तरीके से उपयोग करके और उचित सावधानियां बरतकर, इस समस्या से बचा जा सकता है और स्वस्थ जीवन का आनंद लिया जा सकता है।

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