न्यूजलाइन नेटवर्क, कांकेर ब्यूरो
काँकेर : भारतीय स्टेट बैंक की केशकाल शाखा को ज़िला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने लापरवाही की ज़बरदस्त सज़ा दी है। मामला इस प्रकार है कि श्रीमती सुदनी बाई सोरी पति स्वर्गीय सुकडूराम सोरी निवासी ग्राम जीर्रा पारा विश्रामपुरी, जिला कोंडागांव की शिकायत के अनुसार उसका खाता केशकाल स्टेट बैंक में था, जिसमें आधार कार्ड नंबर बैंक में किसी और का लिंक कर दिया गया, जिसके कारण खाता धारक के खाते से 9,95,910/ रुपए की धोखाधड़ी कर आहरण कर लिया गया।
श्रीमती सुदनी बाई इस लापरवाही के विरुद्ध उपभोक्ता आयोग काँकेर की शरण में गई ,जहां मामले पर पूर्ण विचार कर आयोग की अध्यक्ष श्रीमती सुजाता जसवाल तथा माननीय सदस्य डाकेश्वर सोनी की बेंच द्वारा फैसला दिया गया कि बैंक की केशकाल शाखा को एक माह के भीतर धोखाधड़ी की राशि ब्याज सहित उपभोक्ता को देनी होगी तथा मानसिक प्रताड़ना ,आर्थिक परेशानी एवं मुक़दमे का हरजा खर्चा भी देना होगा। उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता का बैंक खाता केशकाल शाखा में परिचालित था, जिसमें उनके पति स्वर्गीय सुकडू सोरी की पेंशन जमा होती थी । इसी रकम से परिवार का पालन पोषण होता था और इसी खाते में ग़लत आधार नंबर से लिंक किए जाने के कारण फरियादी के साथ 9,95,910/ की धोखाधड़ी हो गई ,जिसकी ज़िम्मेदार बैंक शाखा है ।
स्टेट बैंक अर्थात विरोधी पक्ष ने बहाना दिया कि खातेदार को आहरण की सूचना बराबर दी जाती थी लेकिन उसने कभी ध्यान नहीं दिया। बैंक वालों का यह कथन ऐसा ही है मानो अपनी बड़ी ग़लती छुपाने के लिए सामने वाले की छोटी सी भूल को सामने कर देना। ऐसा करने से स्टेट बैंक की ज़िम्मेदारी कम नहीं होती।
यही कारण है कि उपभोक्ता आयोग ने न केवल धोखाधड़ी की राशि एक माह के भीतर उपभोक्ता को देने का फ़ैसला दिया बल्कि मुक़दमा दायर करने की तिथि से अब तक का 7% ब्याज भी बैंक को देना पड़ेगा। यदि एक माह के भीतर कुल राशि नहीं दी गई तो आगे 9 प्रतिशत ब्याज कर दिया जाएगा। मानसिक प्रताड़ना परेशानी का मुआवज़ा 10,000/ भी स्टेट बैंक फ़रियादी को देगा। यही नहीं, मुक़दमे का हरजाना खर्चा 3000/ भी फ़रियादी को दिलाने का आदेश ज़िला उपभोक्ता आयोग ने दिया है। इस न्यायपूर्ण फ़ैसले की प्रशंसा पूरे काँकेर तथा कोंडागांव ज़िले में की जा रही है ।