छ: साल में भी नही हुआ जियोस समिति का गठन, तीन साल से नही हुई बैठक, कई प्रस्ताव लटके।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। वर्ष 2018 के बाद से जिला योजना समिति का गठन नही हो पाया। करीब छ: साल का वक्त गुजर गया। किन्तु जिला योजना समिति गठन के प्रति प्रशासन के साथ-साथ गंभीर नही है। वही इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2018 नवम्बर में विधानसभा चुनाव के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में सूबे में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी थी।प्रदेश में करीब डेढ़ वर्ष तक कमलनाथ की सरकार प्रदेश में सत्तासीन रही। इसके बाद कमलनाथ की सरकार में बगावत होने से प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में फिर से भाजपा की सरकार बन गई। किन्तु इस दौरान जिले में जिला योजना समिति का गठन नही हो पाया। शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री के रूप में नवम्बर 2023 तक काबिज रहे। फिर भी जिला योजना समिति गठन के बारे में सरकार के साथ-साथ जिले के नेताओं व तत्कालीन प्रभारी मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने भी कोई दिलचस्पी नही दिखाई। लिहाजा तत्कालीन प्रभारी मंत्री के कार्यकाल में एक-दो बार भी खानापूर्ति करने आयोजित की गई। वही यह भी चर्चा है कि पिछले तीन वर्षो से जिला योजना समिति की बैठक भी नही आयोजित की गई। जिसके चलते कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव लटके एवं भटके हुये हैं। जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साफ कहना है कि भाजपा सरकार ने कोई भी विकास कार्य लंबित न रहे और नही फाईलों को भटकाएं। किन्तु प्रधानमंत्री के निर्देश का सिंगरौली जिले में कितना असर हो रहा है।

जिला योजना समिति सबसे बड़ा उदाहरण है। विपक्षी दलों के कांग्रेसी एवं आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भाजपा सरकार को घेरते हुये कहा है कि बीजेपी सरकार के नेता केवल झूठ बोलने में माहिर हैं। इसकी एक नही कई उदाहरण हैं। एनएच 39 सीधी-सिंगरौली मार्ग के निर्माण को पूरा करने भाजपा के विधायक, सांसद, नेता, मंत्री कितने बार डेड लाईन तय करेंगे। इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है। यह मार्ग 13 वर्ष से बन रही है। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष रतिभान प्रसाद का कहना है कि छ: साल के दौरान जो सरकार योजना समिति का गठन नही कर पाई। वह सरकार विकास क्या करेगी। जिले में अफसरशाही हाबी है। चारों तरफ लूटखसोट मची है। जनता त्राही-त्राही कर रही है।

जिला योजना समिति में कौन-कौन होते हैं मेम्बर:- जिला योजना समिति में अधिकतम 10 से 20 सदस्य होते हैं। जिसमें संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री, विधायक, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नगर निगम के मेयर, नगर परिषद अध्यक्ष, नपानि अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष के अलावा प्रभारी मंत्री द्वारा स्थाई विशेष आमंत्रित के रूप में जिले से दो विशिष्ट व्यक्तिओं को नाम निर्दिष्ट करते हैं। उसके अलावा जिला योजना समिति को सौंपे उप समितियां जिसमें जिला पंचायत नगर निगम के प्रतिनिधि चुने जाते हैं और इन सब का काम जिला योजना समिति पंचायतों तथा नगर पालिकाओं द्वारा तैयार की गई योजनाओं को समेकित करने और संपूर्ण जिला के लिए विकास योजना का गठन करेगी। किन्तु पिछले छ: वर्षो से समिति का गठन न किये जाने पर प्रदेश सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन भी सवालों के कटघर्रे में खड़ा हो रहा है। उधर जिम्मेदार अधिकारी उक्त सवाल पर बचते नजर आ रहे हैं।

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