- एनसीएल की प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता में ‘महिला शक्ति’ ने छोड़ी छाप।
- महिला शक्ति के नाम रहा एनसीएल की ‘15वीं एनसीएल अंतर क्षेत्रीय प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता।
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट
सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। रविवार को झिंगुरदा क्षेत्र में आयोजित एनसीएल की ‘15वीं अंतर-क्षेत्रीय प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता’ एक अभूतपूर्व उपलब्धि का साक्षी बना, जब एनसीएल परिवारों की 65 घरेलू महिलाओं ने प्रतियोगिता में सक्रिय रूप से भाग लेकर ‘सुरक्षा’ की अलख जगाई।
आत्म-विश्वास से लबरेज इन गृहणियों ने रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए, घर से बाहर भी अपनी क्षमताओं को साबित करते हुए, सच्चे मल्टीटास्कर के रूप में उत्कृष्टता प्राप्त करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के समापन समारोह के दौरान सीएमडी एनसीएल बी साईराम बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। साथ ही एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) मनीष कुमार, निदेशक (तकनीकी/संचालन) जितेंद्र मलिक, एनसीएल के जेसीसी सदस्य अजय कुमार, लाल पुष्पराज सिंह, श्यामधर दुबे व अशोक पांडेय, सीएमओएआई के महासचिव सर्वेश सिंह, सभी क्षेत्रों व मुख्यालय के महाप्रबंधकगण व बड़ी संख्या में कर्मी शामिल हुए। समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए एनसीएल के सीएमडी, बी. साईराम ने कहा कि प्राथमिक उपचार के प्रति गृहणियों की जागरूकता न केवल उनके परिवारों को सुरक्षित बनाएगा अपितु चिकित्सकों पर बोझ को कम करने में भी मददगार साबित होगा।
उन्होंने कहा कि ‘प्राथमिक उपचार प्रतिस्पर्धा’ में महिलाओं की भागीदारी ने एनसीएल की स्वर्णिम विरासत में एक नया अध्याय लिखा है।साथ ही उन्होंने इस पहल को स्थायी स्वरूप देने पर ज़ोर दिया।उन्होंने एनसीएल में निवासरत दस हज़ार से अधिक गृहणियों के लिए एक मेगा ‘प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण अभियान’ तैयार करने का भी आह्वान किया, जिससे उन्हें सुरक्षा चैंपियन के रूप में सशक्त बनाया जा सके।
इस अवसर पर एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) मनीष कुमार ने इस स्पर्धा में गृहिणियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने ‘प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता के द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक पहल करने के लिए आयोजकों की सराहना की। कुमार ने इस पहल को और आगे बढ़ाने और एनसीएल में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ाने में गृहिणियों की सक्रिय भागीदारी को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। निदेशक (तकनीकी/संचालन) जितेन्द्र मलिक ने 15वीं प्राथमिक चिकित्सा प्रतियोगिता के दौरान प्राथमिक चिकित्सा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक चिकित्सा न केवल कार्यस्थल पर बल्कि घरेलु जीवन में भी आवश्यक है। मलिक ने प्राथमिक चिकित्सा को एक “ईश्वरीय कार्य” बताया और सभी को इसके मूल सिद्धांतों से परिचित होने का आग्रह किया।उन्होंने सभी प्रतिभागियों, विशेषकर पहली बार प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता में भाग ले रही गृहिणियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस पहल में गृहिणियों को शामिल करना सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में एक परिवर्तनकारी कदम है।” एनसीएल के जेसीसी सदस्यगणों व सीएमओएआई के महासचिव ने प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता के सफल आयोजन की सराहना किया।
उन्होने कहा कि प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता से प्राथमिक उपचार को लेकर जागरूकता और भागीदारी बढ़ रही है। ग़ौरतलब है कि 15वीं अंतर क्षेत्रीय प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता का उदघाटन एनसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) जितेंद्र मलिक ने रविवार सुबह किया था।
इस प्रतियोगिता में 70 टीमों ने हिस्सा लिया जिसमें महिलाओं, संविदा कर्मियों सहित 350 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।कार्यक्रम में प्राथमिक चिकित्सा से सम्बंधित स्ट्रेचर ड्रिल, मार्चपास्ट, मॉडल तथा उपचार संबंधी प्रतियोगिताए आयोजित की गई। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों एवम् व्यक्तियों को पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में महाप्रबंधक (झींगुरदा) एके त्यागी, महाप्रबंधक (सुरक्षा एवम् बचाव) पीडी राठी, मुख्य चिकित्सा सेवाए एनसीएल से विवेक खरे व मुख्य चिकित्सा सेवाएँ एनएससी पंकज कुमार व उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।