दिल्ली में खुला देश का सबसे लंबा और लग्ज़री गोल्फ कोर्स, जिसकी खासियतें आपको चौंका देंगी!

दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में हाल ही में देश का सबसे लंबा और आधुनिक गोल्फ कोर्स तैयार हो गया है। यह केवल गोल्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरण प्रेमियों और तकनीकी नवाचार में रुचि रखने वालों के लिए भी एक आदर्श स्थान है। हरियाली, अत्याधुनिक सुविधाओं और अनूठी डिजाइन के साथ, यह गोल्फ कोर्स अपनी भव्यता और विशेषताओं से सभी का ध्यान खींच रहा है। आइए, इस नई परियोजना के बारे में विस्तार से जानें।

कहां बना है यह गोल्फ कोर्स और इसकी लंबाई कितनी है?

यह नया गोल्फ कोर्स दिल्ली के द्वारका क्षेत्र के सेक्टर-24 में स्थित है। इसकी कुल लंबाई 7377 यार्ड (करीब 6.7 किलोमीटर) है, जिससे यह भारत का सबसे लंबा गोल्फ कोर्स बन गया है। इससे पहले, ग्रेटर नोएडा के “जेपी ग्रॉस गोल्फ कोर्स” को देश का सबसे लंबा गोल्फ कोर्स माना जाता था, जिसकी लंबाई 7347 यार्ड थी। इस नए गोल्फ कोर्स ने न केवल इस रिकॉर्ड को तोड़ा है, बल्कि इसकी आधुनिक संरचना और सुविधाओं ने इसे एक अलग पहचान भी दी है।

उद्घाटन समारोह: एक ऐतिहासिक पल

इस गोल्फ कोर्स का उद्घाटन दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने किया। इस मौके पर पश्चिमी दिल्ली की सांसद कमलजीत सहरावत, दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह विधूड़ी और डीडीए के उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह भी मौजूद थे।

अपने भाषण में उपराज्यपाल ने इसे दिल्ली और भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह गोल्फ कोर्स भविष्य में न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय गोल्फ प्रतियोगिताओं की मेजबानी करेगा। इसके अलावा, यह गोल्फ कोर्स भारत के खेल पर्यटन को एक नई दिशा देगा और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

गोल्फ कोर्स की प्रमुख विशेषताएं

यह गोल्फ कोर्स केवल अपनी लंबाई के लिए नहीं, बल्कि अपनी संरचना और तकनीकी विशेषताओं के लिए भी जाना जाएगा।

डिजाइन और संरचना:

  1. 18 होल और 52 बंकर: इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है, जिसमें खेल के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए 18 होल और 52 बंकर शामिल हैं।
  2. 4 झीलें और 7 किलोमीटर लंबी कार्ट पाथ: पानी के तत्व और लंबे कार्ट पाथ इसे खिलाड़ियों के लिए बेहद आकर्षक बनाते हैं।
  3. 63 कैपिलरी बंकर: यह तकनीक पहली बार भारत में इस्तेमाल की गई है, जिससे खेल के दौरान बेहतर ड्रेनेज और सटीकता सुनिश्चित होती है।

तकनीकी नवाचार:

  • ऑटोमैटिक सिंचाई प्रणाली: पानी की बचत और प्रभावी सिंचाई के लिए यहां एक कंप्यूटर-नियंत्रित प्रणाली लगाई गई है, जिसमें 1550 सप्रिंकलर लगे हैं।
  • नॉर्थ शोर एसएलटी बरमूडा घास: इस गोल्फ कोर्स में इस्तेमाल की गई यह घास भारत में पहली बार उपयोग की गई है। यह गर्मी, सूखे और खारे पानी का सामना कर सकती है, जिससे यह दिल्ली के जलवायु के लिए उपयुक्त है।

गोल्फ अकादमी और अन्य सुविधाएं

गोल्फ कोर्स में एक गोल्फ अकादमी और गोल्फ क्लब बनाए जा रहे हैं, जहां पंचसितारा होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यहां गोल्फ प्रेमियों के लिए प्रशिक्षण और अभ्यास की बेहतर सुविधाएं होंगी।

सदस्यता प्रक्रिया और खेल पर्यटन को बढ़ावा

यह डीडीए का तीसरा गोल्फ कोर्स है, जो दिल्ली में पहले से मौजूद कुतुब गोल्फ कोर्स और भलस्वा गोल्फ कोर्स के बाद बनकर तैयार हुआ है।

  • सदस्यता की प्रक्रिया: सदस्यता के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और फिलहाल यहां एक समय में 52 खिलाड़ी खेल सकते हैं।
  • खेल पर्यटन: इस गोल्फ कोर्स से न केवल दिल्ली बल्कि एनसीआर के क्षेत्रों में खेल पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसकी अत्याधुनिक सुविधाएं और अनूठी विशेषताएं इसे खेल प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनाएंगी।

निर्माण और लागत का विवरण

इस परियोजना की शुरुआत 2019 में हुई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसके निर्माण में देरी हुई। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 250 करोड़ रुपये रही। निर्माण के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया।

भविष्य में महत्व

यह गोल्फ कोर्स केवल एक खेल का मैदान नहीं है, बल्कि यह भारत के खेल विकास और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है। इसके निर्माण से न केवल गोल्फ खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि यह दिल्ली की प्रतिष्ठा को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाएगा।

द्वारका का यह नया गोल्फ कोर्स आधुनिक भारत की खेल संरचना में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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