भगवान भोलेनाथ की विवाह मे सम्मिलित होने का सुख हमारा पुण्य कर्म को है दर्शाता :- पं. प्रेमशंकर चौबे

भगवान भोलेनाथ की विवाह मे सम्मिलित होने का सुख हमारा पुण्य कर्म को है दर्शाता :- पंडित प्रेमशंकर चौबे

शिव महापुराण के चर्तुर्थ दिवस सति चरित्र व शिव पार्वती विवाह प्रसंग सुनाया


रिपोर्ट – सुरेश रघु

NEWSLINE NETWORK ,SARANGARH BILAIGARH BEURO

भटगांव : नगर भटगांव के स्टेट बैंक के सामने चल रहे संगीतमय शिव महापुराण कथा के चौथे दिन नवागांव बाराद्वार से आये आचार्य पंडित प्रेमशंकर चौबे ने सति चरित्र और शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया वही शिव महापुराण कथा सुनने के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री मेघाराम साहू, छाया विधायक डॉ दिनेश लाल जांगड़े, भाजपा जिला उपाध्यक्ष द्वारिका साहू, पूर्व विधायक व संसदीय सचिव शंकुतला साहू नगर भटगांव पहुंच कर साहू परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा मे शामिल होकर कथा का रसपान किया। और कहा कि दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर को अपने यज्ञ मे आमंत्रित नही किया। क्योंकि भगवान शंकर से दक्ष प्रजापिता ईष्र्या रखते थे, इसी कारण भगवान शंकर को यज्ञ मे आमंत्रित नही किया। सति के हठ करने के बाद भगवान ने अपने गणों के साथ मे सति को पिता के यहा भेज दिया। सति जब पिता के यहां जाती है तो वहा केवल उनकी माता उनसे प्रेम से मिलती है। अन्य ने ऐसा व्यवहार किया कि ऐसा लग रहा था कि सति को कोई जानते ही नही है। सति ने यह सब सहन किया परंतु जब सति ने देखा कि भगवान शंकर का यज्ञ मे कही कोई स्थान नही, कही कोई भाग नही तो पति के अपमान को वह सहन नही कर पाई। उन्होंने अग्नि मे अपने प्राणों की आहूत कर दिया। वही सति जाकर के हिमाचल के यहां जन्म लेती है नारद जी उनका हस्तरेखा देखकर के उन्हें बताते है कि आपको भगवान शंकर पति रूप मे प्राप्त होंगे। तब पार्वती जी ने तपस्या किया और भगवान शंकर के साथ पार्वती जी का विवाह भी संपन्न हुआ। वही नवागांव बाराद्वार से आये आचार्य पंडित प्रेमशंकर चौबे ने आगे कहा कि कामदेव प्रेम व कामेच्छा के देवता है। वह मनुष्य को अपने कामवेग से अपनी ओर खींचते है, लेकिन भगवान का सच्चा भक्त काम को भी अपने दृढ़ विश्वास और आस्था से पराजय कर सकता है। और साथ ही जहां आप जा रहे है, वहा आपका, अपने इष्ट या अपने गुरू का अपमान न हो, यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नही चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्मदाता पिता का ही क्यो न हो, जहां न्यायधानी बिलासपुर से आए हेमन्त एंड ग्रुप की शिव पार्वती के विवाह की अद्भुत झांकी का प्रदर्शन राम मंदिर से निकल कर नगर भ्रमण करते हुए साई मंदिर गायत्री मंदिर बस स्टेंड होते हुए कथा स्थल पहुंचे शिव जी की बाराती को देखने लोगो का हुजूम उमड़ा पड़ा । भगवान भोलेनाथ की शादी मे बाराती बनकर भूत, पिशाच, दानव सहित तरह तरह के रूप बना के लोग पहुंचे। और भगवान भोलेनाथ की इस अद्भुत बरात मे साहू परिवार के लोग व श्रध्दालु भक्त भी शामिल हुए और खूब झूमे विवाह पूर्व भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती का हल्दी का कार्यक्रम भी सपन्न हुआ। शिव पार्वती कथा को लेकर कथा वाचक पंडित प्रेमशंकर चौबे ने कहा कि भगवान भोलेनाथ संसार के सभी पशुओं के नाथ थे, इसलिए उन्हे पशुपतिनाथ भी कहा जाता है। उनकी शादी मे तरह तरह के पशु सम्मलित हुए थे। भगवान भोलेनाथ की विवाह मे सम्मिलित होने का सुख हमारा पुण्य कर्म को दर्शाता है। ज्ञात हो कि पायल मेडिकल स्टोर व प्रशांत मेडिकल स्टोर द्वारा आयोजित यह शिव महापुराण कथा प्रतिदिन 3 बजे से प्रभु इच्छा तक चल रहा है। तो वही कथा को सुनने बड़ी संख्या मे नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी शिव भक्त जुट रहे है।

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