
वरीय मौसम विज्ञानी डा ए सत्तार ने बताया कि
12-16 जून, 2024 तक के मौसम पूर्वानुमान के अनुसारः-15-16 जून के आसपास उत्तर बिहार के जिलों के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
✅पूर्वानुमानित अवधि में उत्तर बिहार में अगले 2-3 दिनों तक आसमान प्रायः साफ तथा मौसम के आमतौर पर शुष्क रहने की सम्भावना है। इसी अवधि में हॉट डे/ हीट वेव की स्थिति बनी रह सकती है। मानसून के सक्रिय होने की सम्भावना के कारण 15-16 जून के आसपास उत्तर बिहार के जिलों के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
✅इस अवधि में अधिकतम तापमान 38-42 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 25-27 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है।
✅सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 35 से 45 प्रतिशत रहने की संभावना है।
✅पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 20 से 25 कि0मी० प्रति घंटा की रफ्तार से पूरवा हवा चलने का अनुमान है।
*समसामयिक सुझाव👇*
➡️जिन किसान भाइयों के पास सिंचाई की सुविधा प्रयाप्त हो तथा लम्बी अवधि वाले धान लगाना चाहते है। वे राजश्री, राजेन्द्र मंसुरी, स्वर्णा सब 1 एवं वी०पी०टी० 5204 आदि किस्में जल्द से जल्द बीजस्थली में गिराने का प्रयास करें। जितने क्षेत्र में धान का रोप करना हो उसके दशांष हिस्सों में बीज गिरायें। बीज को गिराने से पहले 1.5 ग्राम बविस्टीन प्रति कि० ग्रा० बीज की दर से उपचारित करें।
➡️जो किसान भाई अब तक हल्दी एवं अदरक की बुआई नही किये हैं, वे अतिशीघ्र बुआई सम्पन्न करें। हल्दी की राजेन्द्र सोनिया, राजेन्द्र सोनाली किरमें तथा अदरक की मरान एवं नदिया किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुषंसित है। हल्दी के लिए बीज दर 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा अदरक के लिए 18 से 20 क्विंटल प्रत्ति हेक्टेयर रखें। बीज प्रकन्द का आकार 30-35 ग्राम जिसमें 3 से 5 स्वस्थ कलियों हो। रोपाई की दूरी 30×20 से०मी० रखे। बीज को उपचारित करने के बाद बुआई करे।
➡️मध्यम अवधि के धान के किस्मो को बीजस्थली में गिराने का काम करे। इसके लिए संतोष, सीता, सरोज, राजश्री, प्रभात, राजेन्द्र सुवासनी, राजेन्द्र कस्तुरी, राजेन्द्र भगवती, कामिनी, सुगंधा किस्में अनुशंसित है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई हेतु 800-1000 बर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज गिरावें। नर्सरी में क्यारी की चौराई 1.25-1.5 मीटर तथा लम्बाई सुविधा अनुसार रखें। बीज को गिराने से पहले बविस्टिन 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बीजोपचार करें।
➡️सभी दुधारू पशुओं को गलघोंटू लंगडी एवं खुरहा विमारियों से बचाव के लिए टिकाकरण अवश्य करा लें। पशुओं को हीट स्ट्रोक/लू से वचाने के लिए स्वच्छ ताजा पानी पूरे दिन दें। चारा-दाना सुबह में या शाम में जब धूप नहीं रहता है तब खिलायें। दिन में पशुओं को छायादार स्थान पर रखें। हीट स्ट्रोक लगने पर इटालाइट ओरल, सैकोलाइट-डी आदि दवाए पानी में घोलकर पिलाए।
*डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार*
रिर्पोट:वरीय संवाददाता (बिहार)