अपने देश की गौरव गाथा का गुनगान पढ़िए कवि विजय कुमार कोसले की कविता:: शीर्षक मेरा भारत देश महान
मेरा भारत देश महान
बढ़े जहां जन जन की शान
मेरा भारत देश महान।
नदियां झरना कल कल बहते
पशु पक्षी भी साथ रहते
दिए हैं प्रकृति अनेक वरदान,
मेरा भारत….।
जाति धर्म न भेद करते
हिन्दू मुस्लिम मिलकर रहते
झंडा तिरंगा हैं पहचान,
मेरा भारत….।
वाल्मीकि तुलसी कबीर महान
पूज रहें जिन्हें सदा जहांन
हुए यहां बड़े बड़े विद्वान,
मेरा भारत…..।
वीर सीमा में दुश्मनो से लड़ते
देख सदा जिन्हें दुश्मन डरते
देश की रक्षा करते जवान,
मेरा भारत….।
धरती में फसल यहां लहराये
दिन रात मजदूर पसीना बहाये
राष्ट को मजबूत करें किसान,
मेरा भारत…..।
तीज त्योहार यहां खुशियां लाये
खीर पकवान हर घर में बनाये
हमारी संस्कृति बढाये शान,
मेरा भारत….।
भक्ति जहां रग रग में बसते
सूर संगीत से जीवन सजते
राम कृष्ण यहां बने भगवान
मेरा भारत देश महान !
बढ़े यहां जन जन की शान
मेरा भारत देश महान।
लेखक/ कवि/गीतकार
विजय कुमार कोसले
नाचनपाली, सारंगढ़, छत्तीसगढ़ ।
मो न – 6267875476
जय हिन्द!