आठ मुहर्रम की मजलिस को खेताब करते हुए – मौलाना जैगम अब्बास


न्यूज लाइन नेटवर्क अबेडकरनगर


आठवीं मुहर्रम को लश्कर -ए -हुसैनी हज़रत अब्बास की याद में मन्नती अलम व जगह-जगह मजलिसों व परम्परागत मातमी जुलूसों का सिलसिला जारी रहा।शिया समुदाय ने अपने घरों में हज़रत अब्बास अलमदार की नज्र दिलाई। जाफराबाद स्थित बड़े इमामबाड़ा में सामूहिक नज्र नियाज़ का आयोजन किया गया।सोनगांव में कदीर हसन के अजाखाने से मातमी जुलूस का आगाज़ मौलाना सैयद शमसुल हसन की मजलिस से हुआ। जुलूस में अंजुमन गुलशन -ए-इस्लाम,अंजुमन शमशीर -ए-हैदरी ने नौहा ख्वानी पेश किया। जुलूस में महमूदुल हसन,तहजीबुल हसन, आरिफ हुसैन, इब्ने हसन, मोहम्मद हाशिम आदि मौजूद रहे। जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का योगदान रहा।आठवी मुहर्रम को जाफराबाद स्थित डॉ रमज़ान अली,इब्ने अब्बास गुलशन,हाजी गम्ख्वार हुसैन, डॉ सरदार मेंहदी, मोहम्मद रज़ा,हाजी लाडले गुड्डू टेंट हाउस के अजाखान पर मजलिसों में अजादारो का हुजूम रहा। अंजुमन जाफरिया,अंजुमन जुलफेकारिया, हुसैनिया आदि ने नौहा मातम पेश किया। इसके अलावा छोटा इमामबाड़ा व बड़ा इमामबाड़ा में भारी संख्या में उमड़े अजादारो को खिताब करते हुए मौलाना अली असगर हैदरी ने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का बलिदान रहती दुनिया तक बाकी रहे गा।

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