
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने जा रही हैं, जो आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार की आर्थिक नीतियों और योजनाओं का आधार बनेगा।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु:
1. आर्थिक विकास: वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि की समीक्षा और अगले वर्ष के लिए विकास के अनुमान।
2. राजकोषीय स्थिति: सार्वजनिक ऋण, वित्तीय घाटा, और बजट प्रबंधन के मुद्दे।
3. सामाजिक और आर्थिक संकेतक: बेरोजगारी, महंगाई, और औद्योगिक उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण।
4. सुधार और नीतिगत सुझाव: सरकारी नीतियों और सुधारों के प्रभाव की समीक्षा और भविष्य के लिए सुझाव।
आर्थिक सर्वेक्षण सरकार की आर्थिक दिशा और नीति को स्पष्ट करता है और बजट के लिए एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करता है। इस दस्तावेज़ का उद्देश्य देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति का व्यापक दृष्टिकोण पेश करना है और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए योजनाओं और रणनीतियों को स्पष्ट करना है।
बजट 2024-25: महत्वपूर्ण बिंदुओं का सारांश
1. आर्थिक वृद्धि और विकास
वृद्धि अनुमान: भारत की जीडीपी वृद्धि दर को 6.5% से 7% के बीच बनाए रखने का लक्ष्य।
उद्योग और रोजगार: उद्योगों को प्रोत्साहित करने और रोजगार सृजन के लिए नई योजनाएं और वित्तीय प्रोत्साहन।
2. कर सुधार
कर ढांचे में बदलाव: आयकर और कॉर्पोरेट करों में सुधार, करदाताओं के लिए राहत।
जीएसटी सुधार: जीएसटी की दरों में बदलाव, छोटे और मंझोले व्यवसायों के लिए आसान अनुपालन।
3. सामाजिक सुरक्षा और कल्याण
स्वास्थ्य क्षेत्र: सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन।
शिक्षा: शिक्षा बजट में वृद्धि, विशेष रूप से प्राथमिक और उच्च शिक्षा के लिए।
4. अवसंरचना विकास
सड़क और परिवहन: प्रमुख सड़कों, हाईवे और परिवहन नेटवर्क के विकास के लिए निवेश।
ऊर्जा: नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और हरित ऊर्जा के लिए समर्थन।
5. कृषि और ग्रामीण विकास
कृषि सुधार: कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय सुधारने के लिए योजनाएं।
ग्रामीण विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए बजट आवंटन।
6. वित्तीय अनुशासन और सार्वजनिक ऋण
वित्तीय घाटा: वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए उपाय, सार्वजनिक ऋण प्रबंधन।
वेतन और पेंशन: सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की समीक्षा और संशोधन।
7. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन
हरित पहल: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए नई योजनाएं और हरित प्रौद्योगिकियों में निवेश।
वृक्षारोपण: वृक्षारोपण कार्यक्रमों के लिए विशेष बजट आवंटन।
8. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs)
सहायता योजनाएं: MSMEs को वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं।
सुविधाएं: छोटे व्यवसायों के लिए आसान ऋण और सब्सिडी की व्यवस्था।
9. डिजिटल और तकनीकी नवाचार
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर: डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निवेश, तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं।
ई-गवर्नेंस: सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए नई पहल।
10. विदेशी निवेश और व्यापार
विदेशी निवेश: विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत सुधार और प्रोत्साहन।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार: वैश्विक व्यापार भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं।
इस बजट का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, सामाजिक कल्याण में सुधार करना, और समग्र विकास को बढ़ावा देना है। इस बजट से जुड़े विवरण और विश्लेषणों को जानने के लिए वित्त मंत्री की बजट पेशी का पालन करना महत्वपूर्ण रहेगा।