23 जुलाई को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगी, जो मोदी 3.0 के तहत पहला बजट होगा। इस बजट पर न केवल देश, बल्कि दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। अब देखना यह होगा कि बजट में कौन से क्षेत्रों को प्राथमिकता मिलेगी और कौन से क्षेत्रों को निराशा का सामना करना पड़ेगा। खासकर, देश भर के किसान इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं।
किसानों की उम्मीदें और बजट में संभावनाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तो उन्होंने सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त जारी करने पर हस्ताक्षर किए थे। इससे किसानों को चंद दिनों में लाभ मिला था। इस पृष्ठभूमि में, किसानों को इस बजट से भी बहुत उम्मीदें हैं। उनके मन में यह आशा है कि पीएम किसान सम्मान निधि की राशि 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 8 हजार रुपये सालाना की जाएगी। इसके अतिरिक्त, किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाली राशि भी बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है। कृषि उपकरणों पर भी भारी छूट मिलने की उम्मीदें हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसके तहत सालाना 6 हजार रुपये की राशि तीन किस्तों में किसानों के खातों में डाली जाती है। इस योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी। अब उम्मीद की जा रही है कि इस राशि को बढ़ाकर 8 हजार रुपये सालाना किया जाएगा, जिससे किसानों को खेती के कामों में सहायता मिलेगी।
कृषि उपकरणों पर छूट की उम्मीद
किसानों को उम्मीद है कि कृषि यंत्रों पर छूट दी जाएगी। किसान संगठन जीएसटी दरों पर बढ़ती लागत का विरोध कर रहे हैं, और इसके चलते जीएसटी दरों में कमी या उपकरणों पर अधिक सब्सिडी की संभावना है।
किसान क्रेडिट कार्ड और लोन
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कृषि लोन की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक की जा सकती है। वर्तमान में किसानों को 3 लाख रुपये तक के लोन पर 7% ब्याज दर मिलती है, जिसमें 3% की सब्सिडी शामिल है, जिससे वास्तविक ब्याज दर 4% हो जाती है। महंगाई और बढ़ती कृषि लागत को देखते हुए, सरकार लोन की सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है।
इस बजट में किसानों की अपेक्षाओं के मुताबिक बदलाव किए जा सकते हैं, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने में मददगार साबित होंगे।