लोकसभा चुनाव: पड़े वोटों से ज्यादा गिने गए वोट, 362 सीटों पर 5.54 लाख वोट कम गिने गए, एडीआर की रिपोर्ट
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक दावा किया है कि 538 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर पाया गया है। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार, हाल के लोकसभा चुनावों में 362 संसदीय क्षेत्रों में पड़े कुल वोटों से 5,54,598 वोट कम गिने गए। वहीं, 176 संसदीय क्षेत्रों में पड़े कुल वोटों से 35,093 वोट अधिक गिने गए हैं। इस पर चुनाव आयोग की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘फाइनल पोलिंग डेटा जारी करने में अत्यधिक देरी, विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों और मतदान केंद्रों पर हुए मतदान के आंकड़े उपलब्ध नहीं होना और क्या चुनाव परिणाम अंतिम मिलान किए गए डेटा के आधार पर घोषित किए गए थे, इसकी अस्पष्टता चुनाव परिणामों की प्रमाणिकता के बारे में चिंता और संदेह पैदा करती है।’ हालांकि, एडीआर ने यह नहीं बताया कि वोटों के इस अंतर से कितनी सीटों पर अलग परिणाम आए।
लोकसभा चुनावों के संदर्भ में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट पढ़ने के बाद, रिपोर्ट में निम्नलिखित मुख्य बिंदु सामने आए हैं:
1. वोटों का गणना अंतर: एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 538 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर पाया गया है।
2. कम गिने गए वोट: 362 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में कुल पड़े वोटों से 5,54,598 वोट कम गिने गए हैं।
3. ज्यादा गिने गए वोट: 176 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में कुल पड़े वोटों से 35,093 वोट अधिक गिने गए हैं।
4. चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया: इस मामले पर चुनाव आयोग की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
5. चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल: एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने फाइनल पोलिंग डेटा जारी करने में देरी, विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों और मतदान केंद्रों पर हुए मतदान के आंकड़ों की अनुपलब्धता, और चुनाव परिणामों की घोषणा में पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इन मुद्दों के कारण चुनाव परिणामों की प्रमाणिकता पर संदेह होता है।
6. प्रभावित सीटों की जानकारी नहीं: एडीआर ने यह जानकारी नहीं दी है कि वोटों के इस अंतर से कितनी सीटों पर चुनाव परिणाम प्रभावित हुए।
इस रिपोर्ट के अनुसार, एडीआर ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए संबंधित अधिकारियों से अधिक जानकारी और स्पष्टीकरण की मांग की है।