मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ ब्यूरो चीफ जिला मैनपुरी
मैनपुरी 15 सितम्बर 2024- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जनपद से स्थानांतरण होने के पश्चात कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों से कहा कि आप सबकी कार्यशैली, शासकीय दायित्वों के प्रति निष्ठा के फलस्वरुप ही जनपद प्रदेश में निरंतर टॉप-10 में शामिल रहा, जनपद के शीर्ष पर रहने का मुझे श्रेय मिला, उसके आप सब सच्चे हकदार हैं। उन्होंने कहा कि जनपद के प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी ने कंधे से कंधा मिलाकर जन-शिकायतों के निस्तारण, विकास कार्यों के क्रियान्वयन, लोकतंत्र के महापर्व निर्वाचनों को संपन्न कराने में पूरी निष्ठा से अपने दायित्वों, कर्तव्यों का निर्वहन किया, कार्यों के संपादन में आप सबकी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी है, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी सहित सभी अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि नौकरी करना लक्ष्य नहीं बल्कि अच्छा जीवन जीना लक्ष्य बनाएं, जीवन परिवर्तन का नाम है, क्वालिटी जीवन जिएं, जीवन में सुख-शांति बेहद जरूरी है। उन्होने कहा कि नौकरी को साधन समझें, अपने दायित्वों का निष्ठा से निर्वहन करें, संचालित जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाने में अपना योगदान दें, जन-शिकायतों का त्वरित निस्तारण कर फरियादियों को राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि आप सबको एक आदमी के स्थानांतरण होने पर अफसोस है, मुझे स्थानांतरण होने का गम नहीं लेकिन मुझे तमाम अधिकारियों, कर्मचारियों से दूर होने का मलाल रहेगा।
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने कहा कि जिलाधिकारी के साथ लगभग 20 महीने कार्य करने का अवसर मिला, प्रतिभा के धनी, कार्य करने की ऊर्जा, निर्णय लेने की क्षमता अद्भुत थी, अधिकारियों, कर्मचारियों में कार्य-क्षमता विकसित करने की कला ने उन्हें पारंगत बनाया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य होता है लेकिन उन्होंने अपनी कार्यशैली से न केवल आमजन को राहत पहुंचाने का कार्य किया बल्कि जन-शिकायतों के निस्तारण, विकास कार्यों के क्रियान्वयन में जनपद को निरंतर प्रदेश में टॉप-10 में शामिल रखा, लोकसभा सामान्य निर्वाचन, विधानसभा सामान्य निर्वाचन, नगर निकाय निर्वाचन के साथ लोकसभा उप निर्वाचन को भी अपनी कार्य-क्षमता से शांतिपूर्ण, निष्पक्ष संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ आध्यात्म का गहरा चिंतन भी एक विशेषता थी, व्यस्ततम समय में भी धार्मिक क्रियाकलापों में संलिप्त रहकर लोगों को प्रेरणा देने का कार्य किया।
मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु ने कहा कि जिलाधिकारी के सानिध्य में कार्य सीखने का सुनहरा अवसर मिला, उन्होंने मैंटर के रूप में अपना दायित्व निभाया। उन्होंने कहा कि ज्ञानी, अनुभवी होने के बावजूद अभिमान की जगह उनके व्यक्तित्व में नहीं थी, जिलाधिकारी ने अधीनस्थों में कार्य-क्षमता विकसित करने, काम सीखने की शैली विकसित की यही कारण रहा कि विगत 03 वर्षों के कार्यकाल में जनपद प्रदेश में शीर्ष पर बना रहा, जनपद को विकास के पथ पर अग्रसर करने का कार्य किया, ढाल बनकर अधिकारियों को संरक्षण दिया।
अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र ने कहा कि जिलाधिकारी की कार्यशैली ने मानस पटल पर गहरी छाप छोड़ी है, उनके यह शब्द ’’मैं हूं ना’’ से सभी को हिम्मत मिली, जिससे उनके नेतृत्व में 04 निर्वाचन सकुशल संपन्न करने में सफलता हासिल हुई। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए वट्-वृक्ष का काम किया, उनके अनुभव का पूरा फायदा अधीनस्थों को मिला। अपर जिलाधिकारी न्यायिक नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि जिलाधिकारी में अनुभव की कमी नहीं थी, उन्हें प्रत्येक विभाग के सभी कार्यों की पूरी जानकारी थी, उनका व्यक्तित्व बहती नदी के समान है, जो जितना करीब रहा उसने उनके अनुभव का पूरा फायदा उठाकर अपनी कार्य-क्षमता को विकसित किया।
सम्मान समारोह में उप जिलाधिकारी भोगांव, कुरावली, किशनी, करहल, घिरोर, संध्या शर्मा, राम नारायण, गोपाल शर्मा, नीरज कुमार द्विवेदी, प्रसून कश्यप, मुख्य चिकित्साधिकारी, डा. आर.सी. गुप्ता, वरिष्ठ कोषाधिकारी आशुतोष कुमार, उपायुक्त मनरेगा श्वेतांक पांडेय, सहायक आयुक्त खाद्य डा. श्वेता सैनी, तहसीलदार सदर विशाल यादव, सत्य प्रकाश द्विवेदी, वीरेश पाठक, रोहित दुबे, भुवनेश शाक्य, अल्का मिश्रा, के.के. मिश्रा, मुजम्मिल मिर्जा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये, कार्यक्रम का संचालन वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने किया, इस दौरान कई विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, कलेक्ट्रेट के अनुभाग प्रभारी आदि उपस्थित रहे।