अमेरिका का पीएम मोदी को खास तोहफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लिया। इनमें क्वाड शिखर सम्मेलन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता शामिल है। इस यात्रा के दौरान, अमेरिका ने भारत को एक बेहद खास तोहफा दिया—297 प्राचीन वस्तुएं जो भारत से तस्करी कर लाईं गई थीं, उन्हें अब भारत को वापस किया जा रहा है। ये वस्तुएं भारत की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उनका वापस आना भारत-अमेरिका संबंधों में सांस्कृतिक सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अमेरिका ने अब तक 578 वस्तुएं लौटाईं
2014 से अब तक, भारत ने विभिन्न देशों से कुल 640 प्राचीन और अनमोल वस्तुएं वापस पाई हैं। इनमें अकेले अमेरिका ने 578 वस्तुएं लौटाई हैं। सांस्कृतिक धरोहर की अवैध तस्करी एक पुराना मुद्दा है, जिसने कई देशों और संस्कृतियों को गहरे तक प्रभावित किया है। भारत भी इस समस्या से लंबे समय से जूझता आ रहा है। अमेरिका के साथ सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करते हुए, भारत की पुरातन संपत्ति की वापसी पर विशेष ध्यान दिया गया है।
मोदी की अमेरिका यात्राओं का सांस्कृतिक प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्राओं ने भारत को प्राचीन धरोहरों की वापसी के मामले में काफी सफलताएं दिलाई हैं। पीएम मोदी की पिछली अमेरिका यात्राएं भी इस मामले में बेहद फलदायी रही हैं। 2021 की यात्रा के दौरान, अमेरिका ने 157 दुर्लभ वस्तुएं भारत को सौंपी थीं, जिनमें 12वीं शताब्दी की कांस्य नटराज प्रतिमा शामिल थी, जो भारतीय कला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इसी तरह, 2023 की यात्रा के बाद, अमेरिका ने 105 पुरावशेष भारत को वापस किए। इस बार अमेरिका ने 297 और प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटाई हैं।
पीएम मोदी ने जताया आभार
अमेरिका द्वारा 297 प्राचीन वस्तुएं वापस किए जाने पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “मैं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और अमेरिकी सरकार का आभारी हूं, जिन्होंने भारत की 297 अमूल्य प्राचीन वस्तुओं की वापसी सुनिश्चित की। यह सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा करने और अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।”
भारत में सांस्कृतिक धरोहरों की तस्करी कोई नया मुद्दा नहीं है। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की प्राचीन मूर्तियां, कलाकृतियां और वस्तुएं लंबे समय से तस्करों का निशाना रही हैं। ये वस्तुएं अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दामों पर बेची जाती हैं। भारत सरकार, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और प्रयासों के माध्यम से इन प्राचीन धरोहरों को वापस लाने की कोशिशों में लगी रही है। अमेरिका की मदद से अब तक बड़ी संख्या में ऐसी वस्तुएं वापस लाई जा चुकी हैं, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
संस्कृति संरक्षण और सहयोग का बढ़ता महत्व
भारत और अमेरिका के बीच इस सांस्कृतिक सहयोग ने न केवल दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती दी है, बल्कि अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत संदेश भी दिया है। यह भारत के सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करने और उन्हें सुरक्षित रूप से वापस लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने न केवल आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में प्रगति की, बल्कि सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में भी एक नया अध्याय जोड़ा है।