तिरुपति प्रसाद में मिलावट के पीछे पाकिस्तान का हाथ : राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने किया चौंकाने वाला खुलासा, अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप!

अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने शुक्रवार (27 सितंबर) को देशभर में बिक रहे तेल और घी की शुद्धता पर सवाल उठाते हुए इनकी जांच की मांग की है। उन्होंने तिरुपति प्रसादम में मिलावट सहित कई मुद्दों पर अपनी चिंता जताई, और प्रसाद में मिलावटी घी को एक अंतरराष्ट्रीय साजिश करार दिया।

तिरुपति प्रसाद में मिलावट की शिकायत

आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि तिरुपति प्रसाद में अशुद्ध घी का इस्तेमाल किया गया है, जो एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हो सकता है। उन्होंने इस मामले की गहन जांच की आवश्यकता बताई और कहा कि देशभर के मंदिरों में देवी-देवताओं को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद पुजारियों की निगरानी में होना चाहिए। जो भी प्रसाद मंदिर में आता है, वह पुजारियों द्वारा भगवान को अर्पित किया जाता है, और फिर भक्तों में वितरित किया जाता है। प्रसाद की बड़े पैमाने पर तैयारी के लिए कई कर्मचारी काम करते हैं, और उत्तर प्रदेश सरकार ने इन सभी के दस्तावेज जमा किए हैं ताकि किसी भी समस्या का समाधान किया जा सके।

साजिशों को रोकने की मांग

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से प्रसाद मंगवाया गया था, जिसमें तिरुपति से आए लड्डू भी शामिल थे। अब यह पता चला है कि तिरुपति से आए प्रसाद में मिलावट थी। उन्होंने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पहले ऐसी जानकारी नहीं थी, लेकिन अब इस पर विचार किया जाएगा और इस तरह की साजिशों को रोकने का प्रयास किया जाएगा। उनका कहना है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय शक्तियाँ सनातन धर्म पर हमला करने की कोशिश कर रही हैं, और इस तरह की साजिशों को रोकने की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए।

हनुमानगढ़ी में लड्डू चढ़ाने की परंपरा

यह पूछे जाने पर कि क्या तिरुपति की घटना के बाद अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में लड्डू चढ़ाने की परंपरा बंद होगी, आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यह धार्मिक परंपरा जारी रहेगी। हनुमानगढ़ी में लड्डू चढ़ाने की परंपरा बहुत पुरानी है और इसे बंद नहीं किया जाएगा। हालांकि, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रसाद में किसी भी तरह की मिलावट न हो और वह शुद्ध रूप से चढ़ाया जाए।

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