महाकाल मंदिर के पास भयानक हादसा: अचानक गिरी दीवार, 2 की मौत, 10 घायल! देखें चौंकाने वाली तस्वीरें!

शुक्रवार शाम को उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के सामने बड़ा गणेश मंदिर के पास एक पुरानी दीवार ढहने से एक गंभीर हादसा हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना उस समय हुई जब क्षेत्र में तेज बारिश हो रही थी, जिससे न केवल हादसे की स्थिति और गंभीर हो गई बल्कि बचाव कार्य में भी काफी कठिनाई उत्पन्न हुई। अधिकांश घायल लोग वे हैं जो महाकाल मंदिर के सामने पूजन सामग्री की दुकानें लगाते हैं और श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे रहते हैं। यह इलाका श्रद्धालुओं की नियमित गतिविधियों का केंद्र है, जहां हर दिन बड़ी संख्या में भक्तजन आते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाकाल मंदिर के गेट नंबर चार के सामने स्थित बड़ा गणेश मंदिर के नजदीक महाराजवाड़ा स्कूल की एक पुरानी दीवार अचानक गिर गई। इस दीवार का गिरना तेज बारिश के कारण हुआ माना जा रहा है। घटना के तुरंत बाद आसपास के लोग और व्यापारी मदद के लिए दौड़े, और थोड़ी ही देर में प्रशासन, पुलिस और मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारी और कर्मचारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को निकालने के प्रयास किए। भारी बारिश के बीच बचाव कार्य कठिन था, लेकिन अधिकारियों ने तेजी से काम करते हुए सभी घायलों को एम्बुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल पहुंचाया।

अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि घायलों में से दो की हालत गंभीर थी, जिनका उपचार के दौरान निधन हो गया। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर फैला दी, खासकर उन लोगों के बीच जो प्रतिदिन महाकाल मंदिर के सामने दुकानें लगाते हैं और अपनी जीविका चलाते हैं।

यह घटना उस जगह पर हुई है, जहां महाकाल मंदिर विस्तार योजना के तहत पुराने महाराजावाड़ा स्कूल को स्थानांतरित कर दिया गया है। इस स्थान पर अब एक फैसिलिटी सेंटर का निर्माण हो रहा है, जो श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाया जा रहा है। जो दीवार ढही, वह बड़ा गणेश मंदिर के पास एक संकरी गली में थी, जहां पूजन सामग्री बेचने वाले व्यापारी अपनी दुकानें लगाते थे। इस स्थान पर हमेशा श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, और इसलिए यह हादसा और भी चिंताजनक हो गया।

प्रशासन ने इस दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। हादसे के बाद मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को भी और सख्त किया गया है, और निर्माण कार्यों की भी नए सिरे से समीक्षा की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रशासनिक और धार्मिक संस्थानों के बीच संवाद बढ़ाया जा रहा है ताकि इस प्रकार की अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके।

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