राजन महाराज के प्रवचन प्रभाव से त्रेतायुग की अनुभूति के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु

श्याम जी पाठक (संवाददाता) दैनिक न्यूज़ लाइन नेटवर्क ओबरा सोनभद्र

ओबरा सोनभद्र:- नगर के आरती चित्र मंदिर में चल रही श्रीराम कथा के तीसरे दिन राजन महाराज ने अपने प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा पाठ के दौरान मानो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे चमत्कारी ईश्वरी शक्तियां धरती पर उतर आई हों।

बाढे खल बहु चोर जुवारा,

अपनी कथा की अगली कड़ी में पुज्य राजन जी माहाराज ने कहा की पृथवी पर अत्यन्त पापीयो द्वारा अत्याचार बढ़ जाने पर पृथ्वी ने गाय का रूप धारण कर देवताओं के पास गई और धरती को पाप मुक्त करने के लिए आराधना की। प्रभु ने चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ के यहाँ पुत्र रूप में अवतरित होने का वरदान दिया।

नवमी तिथि मधुमास पुनिता,

चैत्र मास के नवमी तिथि के अभिजित मूहूर्त में अवतार लिए।हजारों श्रद्धालुओ की भीड़ पूरे पंडाल में एकाग्रचित होकर कथा और भजनों को सुनकर राममय रसधार से सराबोर हो गई थी। घूमते गाते ताली बजाते सनातनीओ ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जमकर उद्घोष किया।

गौरतलब है कि आयोजन समिति द्वारा भरसक प्रयास कर भारतीय परिधान को प्राथमिकता दिए जाने की अपील की गई थी और ज्यादातर लोगों द्वारा पालन किया जा रहा है।

कथा में श्री महाराज ने बताया कि युगों युगों की कर्म प्रणाली का हिसाब बराबर होता है चाहे वो युग रहा है इसलिए नेक कर्म करिए सद्भाव ही मुक्ति का एक मात्र रास्ता है अन्यथा बिना किसी भेद भाव के हिसाब किताब मालिक कर ही देगा। सोच में परिवर्तन लाना और परोपकार करना मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। यदि भूलवश कोई काम गलत हो गया हो तो उसका प्राश्चित कर आगे सत्कर्म की राह को पकड़ लेना ही ईश्वर से जुड़ाव का एकमात्र साधन है वरना लोग पाप की श्रृंखला को फलीभूत करने पर ही जायदा जोर देते हैं जो उन्हें बेधर्म अर्थात नर्क की ओर दिन प्रतिदिन धकेलता जाता है। सत्संग से तो काटों भरा रास्ता भी फूल सा प्रतीत होने लगता है जो सतबुधि देता है।

कथा के दौरान आयोजक देवेंद्र केशरी, राजू वैश्य, एसके चौबे,धुरंधर शर्मा, विजय वैश्य, वीरेंद्र श्रीवास्तव, अशोक सिंह, पुष्पराज पाण्डेय, कृष्णा केशरी, कमलेश्वर केशरी, जेपी केशरी, अरविन्द सोनी, जगमेंदर अग्रवाल, हरीश अग्रहरी, उमाशंकर जयसवाल, सौरभ तिवारी, विवेक मालवीय, जय शंकर भारद्वाज, श्याम जी पाठक, मानस प्रेमी बाबा बमभोले,विकास सिंह, सुशील मिश्रा, अनिल सिंह, वीरेंद्र मित्तल, समीर माली, अभिषेक सेठ, कुमार सौरभ सिंह, पवन मिश्रा, अनीश सेठ, कुन्दन जयसवाल, प्रेम सागर, राजीव चौधरी, पवन गुप्ता, मण्डल, मनीष विश्वकर्मा, अमन चौबे, अनुराग श्रीवास्तव, आनन्द जयसवाल, नीता चौबे, पुष्पा दुबे, अंजली, अर्पिता, विनीता केशरी, सरिता गिरी इत्यादि मौजूद रहे।

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