जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के पीछे की सच्चाई जानकर हैरान रह जाएंगे आप, क्यों अचानक बढ़ी आतंकवाद की घटनाएं?

जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकवाद का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, जहां सेना और सुरक्षा बल कई मोर्चों पर इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। हाल के दिनों में कई बड़े आतंकी हमले और घुसपैठ की घटनाएं सामने आई हैं, जिनसे स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। बारामुला और गांदरबल में हुई हालिया घटनाओं ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।

कश्मीर के बारामुला जिले में सेना ने एक बड़ी सफलता हासिल की जब आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी मारा गया। इस मुठभेड़ के दौरान भयानक युद्ध में इस्तेमाल होने वाले हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया गया। यह घुसपैठ पाकिस्तान प्रायोजित थी, जिसका लक्ष्य भारतीय क्षेत्र में आतंकवाद फैलाना था। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को LOC के पास उरी और बारामुला के इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की जानकारी मिली थी।

सेना के अधिकारियों ने कहा कि जैसे ही सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की सूचना प्राप्त की, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और आतंकवादियों को चुनौती दी। आतंकियों ने जवाब में अंधाधुंध गोलीबारी की, लेकिन सतर्क भारतीय सैनिकों ने प्रभावी तरीके से उन्हें जवाब देते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया। यह घटना भारतीय सेना की त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया का एक और उदाहरण है, जिसमें आतंकियों को घुसपैठ करने से पहले ही खत्म कर दिया गया।

इस बीच, दूसरी ओर गांदरबल जिले में आतंकवादियों ने एक और नृशंस हमला किया, जिसमें सात निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक टनल साइट पर हुई, जहां आतंकियों ने एक डॉक्टर और छह मजदूरों को निशाना बनाया। यह हमला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि यह एक ऐसे समय में हुआ जब जम्मू-कश्मीर में हाल ही में 10 वर्षों बाद नई सरकार का गठन हुआ है।

सरकार बनने के तुरंत बाद आतंकी हमले क्यों बढ़े?

यह सवाल अब गंभीर रूप से उठ रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जब हाल ही में नई सरकार बनी है, तब अचानक से आतंकी हमलों में तेजी क्यों आई है। राज्य के लोग बड़ी संख्या में वोट डालकर अपना विधायक चुन चुके हैं, फिर भी आतंकवाद क्यों बढ़ रहा है?

इस संदर्भ में बीजेपी नेता कविंदर गुप्ता ने कहा कि आतंकवादी इस समय अपनी मौजूदगी दिखाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “चुनाव बहुत अच्छे तरीके से हुए, और शायद इसी वजह से वे (आतंकवादी) डर का माहौल बनाना चाहते हैं। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सावधान रहना होगा।”

बढ़ती सुरक्षा तैनाती और ऑपरेशन

गांदरबल से लेकर कश्मीर घाटी के अन्य संवेदनशील इलाकों में पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। कई इलाकों में सघन सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, ताकि और भी आतंकियों को पकड़ा जा सके। आतंकी हमलों के बाद घाटी में सुरक्षाबल पूरी तरह सतर्क हैं और कई प्रमुख मार्गों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे पहले गांदरबल में हुए हमले में निर्दोष नागरिकों की हत्या ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है।

पाकिस्तानी आतंकवादियों पर सख्ती

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से निपटने के लिए भारत सरकार ने सुरक्षाबलों को पूरी छूट दी है। गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने बीते 10 वर्षों में सेना और सुरक्षाबलों को आतंकवादियों से निपटने के लिए फ्री हैंड दिया है। भारतीय सेना और सुरक्षा बलों को आदेश दिए गए हैं कि आतंकवादियों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई में कोई दया न दिखाई जाए। अगर सीमा पार से कोई गोली चलती है, तो भारतीय सेना को उसका सख्त और निर्णायक जवाब देने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है।

गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन कायराना हमलों के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के गगनगीर में नागरिकों पर हुआ यह बेहद नृशंस हमला कायरता की निशानी है। इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को जल्द ही कड़ी सजा दी जाएगी और सुरक्षाबलों द्वारा कठोरतम कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।”

अमित शाह के बयान ने यह साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है और किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह से गंभीर है और सुरक्षाबलों को हर तरह से आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए निर्देशित कर चुकी है।

आतंकी हमले का असर और सुरक्षा उपाय

इन आतंकी घटनाओं के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी और बढ़ा दी है। राज्य भर में कड़ी निगरानी और पेट्रोलिंग जारी है। संवेदनशील इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, ताकि संभावित आतंकी खतरे को पहले ही नष्ट किया जा सके।

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