ट्रूडो की उलटी गिनती शुरू! अपनी ही पार्टी ने दी इस्तीफे की धमकी, जानिए पूरा ड्रामा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत के साथ विवाद में उलझकर कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जहां उनकी काफी आलोचना हो रही है। अब उनकी अपनी पार्टी के कई सांसद भी उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं। भारत के साथ जारी तनाव के बीच, लिबरल पार्टी के असंतुष्ट सांसदों ने ट्रूडो को पद छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया है। इस हफ्ते, बंद कमरे में हुई एक बैठक में, करीब 24 सांसदों ने 28 अक्टूबर तक उनके इस्तीफे की मांग करते हुए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

ट्रूडो के समर्थकों का क्या कहना है?
सांसदों ने ट्रूडो के नेतृत्व और पार्टी के घटते चुनावी समर्थन पर असंतोष जताया है। हालांकि तीन घंटे की बैठक के बाद, ट्रूडो ने मुस्कुराते हुए कहा कि “लिबरल पार्टी मजबूत और एकजुट है” और आगामी चुनावों में नेतृत्व करने के अपने इरादे को दोहराया। उनके करीबी सहयोगी, आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि “यह बैठक सांसदों द्वारा ट्रूडो को सच्चाई बताने का मौका थी, भले ही यह उनके लिए कठिन हो।”

घटती लोकप्रियता का असर:
न्यूफ़ाउंडलैंड से लिबरल सांसद केन मैकडोनाल्ड ने कहा कि ट्रूडो को लोगों की बातें सुननी होंगी। उन्होंने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, हालांकि इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। साथ ही, उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उनके कई साथी खराब मतदान नतीजों और पार्टी की घटती लोकप्रियता के कारण चिंतित हैं।

हालांकि फिलहाल ट्रूडो के पद पर बने रहने को लेकर कोई सीधा खतरा नहीं है, लेकिन यह बैठक उनके नेतृत्व पर एक अहम मोड़ है, क्योंकि कई सांसद आगामी चुनाव से पहले बदलाव चाहते हैं जो 2025 तक होने हैं।

ट्रूडो के विरोध का कारण:
हाल के उपचुनावों में लिबरल पार्टी ने अपनी दो सुरक्षित सीटें खो दी हैं, जिससे ट्रूडो के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। पार्टी के कुछ सांसदों को आगामी चुनावों की तैयारी में कमी की भी चिंता है, खासकर जब कंजर्वेटिव पार्टी को मतदान में बढ़त मिल रही है। 15 अक्टूबर को जारी नैनोस रिसर्च पोल के अनुसार, कंजर्वेटिव्स को 39%, लिबरल्स को 23%, और न्यू डेमोक्रेट्स को 21% वोट मिले हैं।

संसद में बने मजाक का मुद्दा:
ट्रूडो का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे आवास संकट पर बोलते हुए “ब्रोकनिस्ट” शब्द का उपयोग करते नजर आए। उनके इस शब्द पर विपक्ष के नेता पियरे पोलिएवर ने संसद में मजाक उड़ाया और कहा, “यह शब्द तो अंग्रेजी में होता ही नहीं है,” जिससे ट्रूडो का उपहास बन गया।

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