आसमान छूती महंगाई, पढ़ाई-लिखाई और दवाई सभी हुए महंगे, लहसुन 400 रुपए प्रति किलो के पार।

साग- सब्जी, फल और भोजन से सम्बंधित सभी सामग्रियों में तेजी, जमाखोरों पर सरकार का नहीं रहा नियंत्रण।

ब्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र।

सोनभद्र/उत्तर प्रदेश। पिछले कई माह से आम उपभोक्ताओं की प्रतिदिन उपयोग में आने वाले खाद्य सामग्रियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। सभी खाद्य सामग्रियां, पढ़ाई-लिखाई और दवाई सभी मूलभूत सुविधाएं आम आदमी की पहुँच से बाहर होते जा रहे हैं। हरी साग- सब्जियां, लहसुन, प्याज़, टमाटर, आलू, गोभी, बैंगन, हरी धनिया, हरी मिर्च आदि की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि “जीना है तो खाना है”। महंगाई की मार झेलना लोगों की मजबूरी बन चुकी है। एक नजर कुछ खास वस्तुओं की कीमतों को बताने का प्रयास करते हैं।

अरहर दाल लगभग दो सौ रुपए, चावल पचास रुपए, सरसों तेल दो सौ रुपए, लहसुन चार सौ रुपए, प्याज साठ रुपए, आलू चालीस रुपए, बैंगन- टमाटर साठ रुपए, इसी तरह कोई भी सब्जी तीस रुपए प्रति किलो से कम नहीं है। मौसमी फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। मजे की बात यह है कि आम आदमी के दिनचर्या में आवश्यक होती जा रही मोबाइल फोन के रिचार्ज की कीमतों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अब कोई भी रिचार्ज तीन सौ रुपए प्रति अट्ठाईस दिन से कम नहीं है। ऐसे में जमाखोरों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। जिसके कारण आम जनता बुरी तरह प्रभावित है। लोग मौजूदा सरकार से जानना चाहते हैं कि वो अच्छे दिन कब आएंगे जो सन् 2014 के आम चुनाव में वादा किए गए थे। वैसे जो भी हो, एक ओर जहां जमखोर, माफिया, ठेकेदार, जनप्रतिनिधि नौकरशाह और राजनेता मस्त हैं वहीं, दूसरी ओर आम नागरिक हर तरह से त्रस्त हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!