
क्षेत्रीय और सतत पर्यटन विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय की परिवर्तनकारी पहल
न्यूजलाइन नेटवर्क , स्टेट ब्यूरो – छत्तीसगढ़
भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय, अपनी राष्ट्रीय पहुंच का विस्तार करने के साथ देश के पर्यटन क्षेत्र में क्रांति लाने और एक अधिक समावेशी और टिकाऊ पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण हेतु एक अभूतपूर्व पहल का नेतृत्व कर रहा है। इस प्रयास के अंतर्गत, नवंबर 2022 से मंत्रालय ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रबंधकों और सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति की है, जहाँ पहले इंडियाटूरिज्म (भारत पर्यटन) कार्यालयों के माध्यम से प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व का अभाव था। भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (IITTM) के सहयोग से यह रणनीतिक कदम, क्षेत्रीय समन्वय को सुदृढ़ करने और देश भर में पर्यटन संवर्धन की प्रभावशीलता को बढ़ाने का प्रयास करता है। अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति को बढ़ाकर, मंत्रालय इन प्रबंधकों को स्थानीय हितधारकों, राज्य पर्यटन बोर्डों और समुदाय के सदस्यों के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने के लिए सशक्त बना रहा है ताकि देश भर में एक जीवंत पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया जा सके।
अब, इस पहल के दो साल बाद, यह भारत की पर्यटन रणनीति का आधार बन गया है, जो क्षेत्रीय सहयोग को बेहतर बनाने, स्थानीय हितधारकों को ऊपर उठाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। यह पहल न केवल क्षेत्रीय रूप से समावेशी पर्यटन रणनीति की बढ़ती मांग को संबोधित करती है, बल्कि विकसित भारत 2047 के व्यापक दृष्टिकोण का भी समर्थन करती है – 2047 तक एक विकसित भारत, जो आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन के बीच सामंजस्य स्थापित करता है।
पर्यटन के भविष्य का आधार: विकसित भारत 2047 के साथ संरेखण
विकसित भारत 2047 दृष्टिकोण भारत को एक आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से सशक्त राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखता है, जिसमें पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रबंधकों और सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति का यह निर्णय, मंत्रालय के पर्यटन क्षेत्र में स्थायित्व और सामाजिक समावेशिता को सुनिश्चित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिससे पर्यटन के लाभ पूरे भारत में समान रूप से वितरित हों।
सरकार की “अतुल्य भारत” प्राथमिकता के तहत, इस दृष्टिकोण का समर्थन मार्च 2023 में मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘मिशन मोड में पर्यटन’ पहल में हुआ, जिसने क्षेत्र के विशाल आर्थिक और रोजगार क्षमता को रेखांकित किया। फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी (FAITH) के अनुसार, 2047 तक पर्यटन क्षेत्र 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है, जो 200 मिलियन नौकरियों का सृजन और 100 मिलियन विदेशी पर्यटकों का स्वागत कर सकता है, जबकि घरेलू पर्यटन को भी अभूतपूर्व बढ़ावा मिल सकता है।

क्षेत्रीय पर्यटन के लिए सतत दृष्टिकोण
सरकार ने पर्यटन को सतत और जिम्मेदार विकास का माध्यम बनाकर आर्थिक और सामाजिक प्रगति के साधन के रूप में सामने रखा है। इस रणनीतिक पहल का एक अहम पहलू ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन की उपस्थिति बढ़ाना है, जो पहले कम सेवा वाले थे। प्रबंधकों की नियुक्ति स्थानीय हितधारकों और सामुदायिक संगठनों के साथ मंत्रालय की भागीदारी को मजबूत कर रही है, जिससे स्थानीय स्तर पर उत्पन्न चुनौतियों और अवसरों के प्रति प्रभावी प्रतिक्रिया मिल सके।
स्थानीय प्रतिनिधित्व: क्षेत्रीय विकास की रीढ़
इस पहल की आधारशिला उन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष स्थानीय उपस्थिति स्थापित करना है जो पहले कम सेवा वाले थे या जिनमें पर्याप्त पर्यटन बुनियादी ढांचे की कमी थी। इन क्षेत्रों में प्रबंधकों और सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति करके, मंत्रालय स्थानीय हितधारकों, राज्य पर्यटन बोर्डों और सामुदायिक संगठनों के साथ जुड़ने की अपनी क्षमता को मजबूत कर रहा है। यह विकेंद्रीकृत दृष्टिकोण मंत्रालय को प्रत्येक क्षेत्र में मौजूद अनूठी चुनौतियों और अवसरों को समझने और उनका जवाब देने की अनुमति देता है।
यह पहल मंत्रालय की नई घरेलू पर्यटन नीति के अनुरूप है, जो थीम-आधारित पर्यटन सर्किटों पर ध्यान केंद्रित करते हुए “वोकल फॉर लोकल” आंदोलन को मजबूत करती है। यह पहल सुनिश्चित करती है कि क्षेत्रीय पर्यटन विकास योजनाएँ राष्ट्रीय उद्देश्यों के साथ सामंजस्य में हों। स्थानीय समुदाय अब समर्पित प्रतिनिधियों के माध्यम से राष्ट्रीय पर्यटन पहलों का लाभ उठाने में सक्षम हैं। प्रबंधकों की सक्रिय भागीदारी से नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन होता है, जिससे हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय और स्थानीय पर्यटन को लाभ मिलता है।
राज्य सरकारों और हितधारकों का व्यापक समर्थन
राजकीय पर्यटन विभाग और अन्य प्रमुख हितधारक इसे क्षेत्रीय पर्यटन विकास में मौजूदा अंतराल को पाटने के लिए एक बहुत जरूरी कदम मानते हैं। स्थानीय आवश्यकताओं और संसाधनों को ध्यान में रखते हुए, इस पहल ने केंद्रीय और क्षेत्रीय पर्यटन निकायों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा दिया है, जिससे विकास के लिए अधिक अनुकूलित और प्रभावी समाधान संभव हो सके हैं।
स्थानीय उपस्थिति से राष्ट्रीय पर्यटन पहलों को मजबूत बनाना
पर्यटन मंत्रालय की क्षेत्रीय प्रबंधन पहल भारत में पर्यटन, सांस्कृतिक संरक्षण, और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए चल रही कई राष्ट्रीय योजनाओं और पहलों को प्रभावी समर्थन प्रदान कर रही है। ये सभी पहलें स्थिरता, रोजगार सृजन और विरासत संरक्षण पर केंद्रित हैं और विकसित भारत 2047 के व्यापक लक्ष्यों के साथ तालमेल में हैं।
- स्वदेश दर्शन 2.0 (SD2.0): इस संशोधित योजना का लक्ष्य पूरे भारत में सतत और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों का विकास है। गंतव्य-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए, यह योजना स्थानीय समुदायों के लिए अवसंरचना, सेवा सुधार, और क्षमता निर्माण को एकीकृत करती है, जिससे पर्यटन क्षेत्र का विकास सीधे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभान्वित करता है।
- प्रसाद योजना (PRASHAD): तीर्थस्थलों के कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत को सशक्त बनाने के इस अभियान के अंतर्गत संरचना, सुविधाओं, और सेवाओं का उन्नयन किया जा रहा है। क्षेत्रीय प्रबंधक इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक हैं, जिससे तीर्थस्थलों पर विरासत संरक्षण के साथ-साथ आगंतुक अनुभव भी बेहतर होता है।
- आजादी का अमृत महोत्सव (AKAM): स्वतंत्रता के 75 वर्षों का उत्सव मनाते हुए, यह पहल सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विरासत संरक्षण के माध्यम से राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देती है। क्षेत्रीय प्रबंधक इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर समुदायों को अपनी स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करते हैं।
- एक भारत श्रेष्ठ भारत (EBSB): यह पहल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर एकता को मजबूत करती है। स्थानीय स्तर पर आयोजनों के माध्यम से, प्रबंधक सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देते हैं और घरेलू पर्यटन में भी वृद्धि करते हैं।
- देखो अपना देश (DAD): इस अभियान का उद्देश्य भारतीयों को अपने देश के अनदेखे स्थलों की खोज करने के लिए प्रेरित करना है। स्थानीय प्रतिनिधि कम-ज्ञात स्थलों को प्रचारित कर क्षेत्रीय पर्यटन और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP): सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन केंद्र के रूप में विकास और जनसंख्या स्थिरता पर केंद्रित यह कार्यक्रम इन क्षेत्रों में प्रबंधकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाता है, जिससे समुदायों को व्यापक पर्यटन नेटवर्क से जोड़ा जा सके।
- स्वच्छता पखवाड़ा (SBM): स्वच्छता और जिम्मेदार पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाले इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रतिनिधि सुनिश्चित करते हैं कि पर्यटन स्थल स्वच्छता बनाए रखें, जो स्थायी पर्यटन के लिए आवश्यक है।
- अतुल्य भारत पर्यटक सुविधाकर्ता प्रमाणन (IITFC): इस कार्यक्रम के तहत पर्यटन से जुड़े व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे देश भर में आगंतुक अनुभव में सुधार हो सके। स्थानीय प्रबंधक प्रशिक्षण की सुविधा देकर कुशल पेशेवरों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।
- पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी पहल: आतिथ्य और पर्यटन में कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाकर यह कार्यक्रम उन्हें बढ़ते पर्यटन क्षेत्र से लाभान्वित करता है।
- हुनर से रोज़गार तक (HSRT): इस कौशल निर्माण कार्यक्रम के तहत आतिथ्य और पर्यटन प्रबंधन में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे कुशल कार्यबल का निर्माण होता है।
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म: निधि पोर्टल, उत्सव पोर्टल और अतुल्य भारत वेबसाइट जैसे डिजिटल मंचों के माध्यम से मंत्रालय की डिजिटल उपस्थिति को सशक्त किया गया है। क्षेत्रीय प्रबंधक स्थानीय जानकारी अपडेट करके पर्यटकों को सटीक और अद्यतन जानकारी तक पहुंचने में मदद करते हैं।
- बाजार अनुसंधान और पर्यटक फुटफॉल विश्लेषण: पर्यटन रुझानों का डेटा एकत्रित कर, प्रबंधक लक्षित विपणन और प्रचार रणनीतियों में योगदान देते हैं।
- एक पेड़ माँ के नाम (EPMKN): पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने वाले इस कार्यक्रम के तहत यात्रियों को अपनी माताओं के सम्मान में वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया जाता है। क्षेत्रीय प्रतिनिधि वृक्षारोपण अभियानों का आयोजन कर स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
यह व्यापक पहल न केवल पर्यटन को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में स्थापित करती है, बल्कि पर्यटन को एक सशक्त आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक साधन के रूप में स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करती है, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र का अद्वितीय योगदान सुनिश्चित किया गया है।

रोजगार सृजन और जागरूकता बढ़ाना
इस पहल का मुख्य उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों को उजागर करना और जागरूकता फैलाना है। नियुक्त प्रबंधक स्थानीय समुदायों को अतुल्य भारत पर्यटक सुविधाकर्ता प्रमाणन, हुनर से रोज़गार तक, और पर्यटन मित्र व दीदी जैसी योजनाओं के तहत कौशल विकास और रोजगार के अवसरों के बारे में मार्गदर्शन देते हैं। वे इन कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय निवासियों को जोड़ते हुए स्थायी आजीविका के रास्ते खोलते हैं, जिससे समुदाय को आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त होती है और लोग भारत की पर्यटन विकास यात्रा में सक्रिय योगदान कर पाते हैं।

सतत पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर में समुदाय की भागीदारी
स्थिरता/स्थायित्व, मंत्रालय के पर्यटन दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका जिम्मेदार पर्यटन की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है। ये प्रतिनिधि पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन, स्वच्छता बनाए रखने, और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के महत्व को प्रचारित करने के लिए अभियान चलाते हैं। युवा पर्यटन क्लब और आजादी का अमृत महोत्सव जैसी पहलें युवाओं को भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने, इसे संजोने, और साथ ही सतत पर्यटन के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करती हैं।
निष्कर्ष: मजबूत पर्यटन क्षेत्र की दिशा में दूरदर्शी पहल
देशभर में पर्यटन प्रबंधकों और सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति का पर्यटन मंत्रालय का यह निर्णय भारत के पर्यटन विकास में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रहा है। दो वर्षों में, इस पहल ने समावेशी विकास, रोजगार सृजन, और सांस्कृतिक संरक्षण को सशक्त समर्थन दिया है। स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाकर, कौशल विकास को प्रोत्साहित कर, और क्षेत्रीय पर्यटन को राष्ट्रीय लक्ष्यों से जोड़कर, ये प्रतिनिधि “विजन 2047” के एक समृद्ध, सतत, और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के निर्माण में योगदान कर रहे हैं।
इन प्रयासों के माध्यम से, पर्यटन न केवल आर्थिक विकास का साधन बना है, बल्कि पूरे भारत में सामाजिक एकता, पर्यावरण संरक्षण, और सांस्कृतिक सम्मान को बढ़ावा देने का माध्यम भी बन रहा है। राज्य पर्यटन विभागों और विभिन्न हितधारकों से मिले समर्थन ने इस पहल को और सशक्त किया है, जो 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण में एक मजबूत उत्प्रेरक के रूप में उभर रहा है। यह दूरदर्शी पहल भारत के पर्यटन परिदृश्य को व्यापक रूप से बदलने का वादा करती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन का लाभ सभी तक पहुंचे, चाहे वो महानगर हों या दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र।
जय हिंद, जय भारत!
आलेख – मयंक दुबे
लेखक परिचय
यह लेख मयंक दुबे द्वारा लिखा गया है, जो पर्यटन विकास और परियोजना प्रबंधन में 19+ वर्षों के समर्पित अनुभव के साथ एक प्रखर पर्यटन विशेषज्ञ हैं। मयंक ने अपनी सटीक मार्केटिंग रणनीतियों, प्रभावी कार्यान्वयन, और हितधारकों के साथ मजबूत साझेदारी के माध्यम से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का कुशलतापूर्वक उपयोग कर पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उत्कृष्ट संचार और बातचीत कौशल से परिपूर्ण, मयंक का हर प्रयास ग्राहक अपेक्षाओं से बढ़कर परिणाम देने पर केंद्रित रहा है। नई संभावनाओं के प्रति सजग, उनका उद्देश्य अपनी विशेषज्ञता के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र में किसी अग्रणी संगठन की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देना है।