नदी के बीच में बांध बनाकर नियम विरुद्ध पोकलेन से अवैध खनन।

अबैध खनन व परिवहन करने का सिलसिला जारी, विभाग कार्यवाही के नाम पर मूकदर्शक।

संवाददाता- राजन जायसवाल

ओबरा/सोनभद्र। ओबरा वन प्रभाग के चोपन, कोन सोन नदी व रेणुकूट वन प्रभाग के विंढमगंज वन रेंज के अन्तर्गत बौधाडीह कोरगी कनहर नदी व सोन नदी के ब्रह्मोरी बालू साइड के संचालकों द्वारा सोन नदी के बीचों बीच बांध बनाकर नदी में बड़े बड़े पत्थर डालकर नदी की धारा को मोड़ते हुए जंगल की हजारों गाड़ी झाड़ियों को काटकर बांध बांधने में प्रयोग करते हुए दर्जनों पोकलेन मशीन द्वारा नदी की धारा को अवरुद्ध कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार कोरगी, बौधाडीह कनहर नदी से संबंधित विभाग की मिलीभगत से विना परमिट ओवरलोड गाड़ियां सड़कों पर सरपट दौड़ रही है और वहीं अबैध खनन करने का सिलसिला अनवरत जारी है। जिससे इन माफियाओं द्वारा सरकार के राजस्व की क्षति पहॅुचाई जा रही है और वहीं दूसरी तरफ अबैध खनन कर्ताओं के हौसलें बुलंद हैं। नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वन विभाग के द्वारा विना परमिट की गाड़ी पकड़ी गई थी किन्तु उसे किन कारणों से छोड़ दिया गया जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

इसी क्रम में समाजसेवी सुरेंद्र जायसवाल के द्वारा जनहित के हित हेतु शिकायत सम्बन्धित अधिकारियों से किया जा चुका है। लेकिन कोई कार्यवाही न होने की स्थिति में आरजेपी प्रमुख सुरेन्द्र जायसवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है की खनन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नदी के बीच से रास्ता बनाया जा है। इस प्रकिया से न केवल नदी के प्राकृतिक प्रवाह में रुकावट आ रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण कानूनों का उलंघन कर अनदेखा किया जा रहा है। भारतीय खनिज संरक्षण नियम के तहत नदी के भीतर खनन करना और किसी भी प्रकार का निर्माण करना अवैध है। इसके वावजूद ब्रह्मोरी बालू साइड में नदी के बीचो बीच अवैध रास्ता बनाया जा रहा है।

अवैध बालू खनन, सोन नदी, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, वन संरक्षण अधिनियम, 1928, जल प्रदुषण की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 1974-29, और वायु प्रदूषण के रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 1981-30 और वन्य जीवन संरक्षण अधीनियम, 1972, और खान और खनिज, विकास और विनियमन 1957 के तहत सुनिश्चित है की नदी की बहाव और जैव विविधता सुरक्षित रहे। लेकिन पोकलेन मशीनों के उपयोग से नदी की प्राकृतिक स्वरूप को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

वहीं ब्रह्मोरी, बालू साइड में हो रहे अवैध खनन व नदी के बीचो बीच रपटा, पुलिया निर्माण यह प्रदर्शित कर रहा है की सम्बन्धित विभाग इस भ्रस्टाचार में पूर्ण रूपेण संलिप्त है। खनन गतिविधियों में हो रही अनिमियताओ को लेकर आरजेपी प्रमुख व बनवासी सेवा संस्थान ट्रस्ट के सचिव सुरेन्द्र कुमार उर्फ राजू ने अवैध खनन पर चिंता वयक्त करते हुए कहा है की यदि जिला प्रशासन द्वारा ब्रह्मोरी साइड पर हो रहे भ्रस्टाचार व एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने वाले पट्टाधारको पर तत्काल प्रभाव से कानूनी कार्यवाही नही की गयी तो पार्टी संगठन सड़क पर उतरने को बाध्य होगी।

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