50 साल का तानाशाही राज खत्म! बशर अल-असद ने सीरिया छोड़ भागने पर क्यों मजबूर हुए?

सीरिया में विद्रोहियों ने किया तख्तापलट: बशर अल-असद का 50 साल का शासन खत्म

सीरिया में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। विद्रोहियों ने लंबे समय से चल रहे बशर अल-असद परिवार के सत्तावादी शासन को खत्म कर दिया है। इस ऐतिहासिक घटनाक्रम की पुष्टि खुद सीरियाई सेना अध्यक्ष ने की है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है और देश अब असद शासन से मुक्त हो चुका है।


दमिश्क पर विद्रोहियों का नियंत्रण

विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर अचानक हमला कर बिना किसी बड़ी सैन्य टकराव के वहां कब्जा कर लिया। विद्रोही समूहों के मुताबिक, दमिश्क अब “असद शासन से पूरी तरह आजाद” है। दो प्रमुख विद्रोही नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि राजधानी पर उनका पूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया है और जल्द ही सीरिया के लोगों को पहला आधिकारिक बयान राज्य टेलीविजन पर सुनने को मिलेगा।

यह कब्जा इतनी तेजी से हुआ कि सरकारी बलों को प्रतिक्रिया देने का मौका तक नहीं मिला। विद्रोही बिना किसी बड़े सैन्य प्रतिरोध के राजधानी में प्रवेश कर गए, जिससे यह साफ हो गया कि असद शासन के प्रति समर्थन तेजी से गिरा है।


राष्ट्रपति बशर अल-असद ने छोड़ी राजधानी

दमिश्क पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद को राजधानी छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपने परिवार और करीबी सहयोगियों के साथ किसी गुप्त स्थान पर शरण ली है। उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है।


सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब, स्वतंत्रता का जश्न

विद्रोहियों द्वारा दमिश्क पर कब्जे के बाद राजधानी की सड़कों पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। हजारों की संख्या में लोग कारों और पैदल मार्च करते हुए मुख्य चौराहों पर एकत्रित हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लोग “आज़ादी” के नारे लगाते हुए असद परिवार के 50 साल लंबे शासन के अंत का जश्न मना रहे थे। यह दृश्य एक बड़े बदलाव का प्रतीक था, जहां लोग खुले तौर पर खुशी और राहत व्यक्त कर रहे थे।


50 साल के सत्तावादी शासन का अंत

असद परिवार का शासन लगभग पांच दशकों से सीरिया की राजनीति पर हावी रहा है। 1970 में हाफिज अल-असद ने सत्ता संभाली थी, जिसके बाद यह शासन बशर अल-असद तक जारी रहा। इस दौरान सरकार पर लगातार सत्तावादी नीतियों, मानवाधिकारों के हनन और आर्थिक असमानता को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे।


आगे क्या?

इस तख्तापलट के बाद सीरिया एक नए युग की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, विद्रोही शासन की स्थिरता और देश के भविष्य को लेकर अभी कई सवाल खड़े हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब सीरिया पर हैं, क्योंकि यह घटना मध्य-पूर्व की राजनीति में बड़ा प्रभाव डाल सकती है।

विद्रोहियों की इस सफलता को सीरिया के लोगों के लिए एक नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही चुनौतियां भी कम नहीं हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सीरिया किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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